इस मामले में नया मोड़ उस समय आया जब सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग से विपक्षी दलों की याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांग लिया। साथ ही अदालत की सहायता के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त को कहा। अदालत के इस रुख से यह मुद्दा अब तूल पकड़ सकता है। विपक्षी दल के नेता VVPAT पर्ची से वोटों का सत्यापन कराने पर जोर दे सकते हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार से लेकर मतगणना तक यह मुद्दा चुनाव आयोग के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगर सुप्रीम कोर्ट विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार करती है तो चुनाव आयोग के लिए इसी दौरान 50 प्रतिशत VVPAT पर्ची का सत्यापन करना मुश्किल हो जाएगा।
आपको बता दें कि 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने 50 प्रतिशत ईवीएम वोटों का सत्यापन VVPAT पर्ची से कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले में सहायता करने के लिए एक विशेष अधिकारी अलग से नियुक्त करने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। दूसरी तरफ विपक्षी दल के नेता इस मुद्दे को तूल भी देंगे।