उन्होंने एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए कहा है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा बताता है कि जेलों में विचाराधीन कैदियों में मुस्लिम पुरुष ज्यादा हैं। देशवासियों को नहीं पसंद पीएम मोदी के मन की बात, शेयर करते ही लाखों लोगों ने किया डिसलाइक
अनलॉक-4 में देशभर में खुलने जा रहे हैं सिनेमाघर! मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने उठाया ये कदम एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। इस बार उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को आधार बनाया। ओवैसी ने लिखा, ‘मुस्लिम पुरुषों को पहले से ही बड़ी संख्या में रखा गया था, लेकिन अब उनकी संख्या और भी बढ़ गई है।
कानून की नजर में, ये लोग निर्दोष हैं, लेकिन वे अब भी जेल में ही हैं। यह प्रणालीगत अन्याय का एक और प्रमाण है, जिसका हम सामना कर रहे हैं।’ AIMIM सांसद ओवैसी ने कहा है कि वर्ष 2019 के आंकड़े ये बताते हैं कि हाशिए पर रहने वाले समूहों में मुस्लिम एक ऐसा समुदाय है, जिसमें दोषियों के मुकाबले विचाराधीन कैदियों की संख्या ज्यादा है।
ओवैसी ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए उसके मुताबिक वर्ष 2019 के अंत तक देश के सभी जेलों में दोषियों की संख्या में 21.7 प्रतिशत दलित हैं। जबकि विचाराधीन कैदियों में अनुसूचित जाति के 21 फीसदी लोग हैं। वहीं दोषियों की कुल संख्या में से 16.6 प्रतिशत मुस्लिम है, जबकि विचाराधीन कैदियों में इनकी संख्या 18.7 फीसदी है।
आपको बता दें कि इससे पहले ओवैसी ने केंद्र सरकार को कोरोना वायरस पर भी आड़े हाथों लिया था। ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसे कोरोना संकट से उपजे हालात जैसे नौकरी जाने और अन्य समस्याओं से निपटने की चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश में 1.8 करोड़ लोगों को वेतन नहीं मिल रहे हैं और करीब आठ करोड़ दिहाड़ी श्रमिकों का काम छूट गया है।
उन्होंने कहा कि देश में 1.8 करोड़ लोगों को वेतन नहीं मिल रहे हैं और करीब आठ करोड़ दिहाड़ी श्रमिकों का काम छूट गया है।