इससे पहले औवेसी मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग कर चुके हैं
आपको बता दें कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब एआईएमआईएम ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की है। इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की थी। उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय की कई पीढ़ियां गरीबी में रही है। शिक्षा का स्तर अभी भी बहुत ही खराब है। इसलिए मुस्लमानों का हक है कि वे आरक्षण की मांग करें और उन्हें मिलना भी चाहिए। बता दें कि हैदराबाद से सांसद औवेसी ने गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा आरक्षण विधेयक पेश होने के कुछ ही समय बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा कि सार्वजनकि शिक्षा और रोजगार में पिछड़े मुसलमानों को वंचित करना एक गंभीर अन्याय है। मैं लगातार कहता रहा हूं कि मुस्लिमों में पिछड़ी जातियां हैं जो पीढ़ियों से गरीबी में रह रही हैं। आरक्षण के जरिए इस सिलसिला को तोड़ा जा सकता है।
कई समुदाय कर रहे हैं आरक्षण की मांग
आपको बता दें कि देशभर के कई राज्यों में अलग-अलग समुदाय आरक्षण की मांग वर्षों से करते रहे हैं। गुजरात में पाटिदार, राजस्थान में राजपूत, हरियाणा में गुर्जर-जाट आदि ऐसे तमाम समुदाय हैं जो कि आरक्षण की मांग करते रहे हैं। महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण मिलने के बाद से अब ये मांगे और भी तेज होने लगी है। महाराष्ट्र में ही राजपूत समुदाय है जो कि वर्षों से आरक्षण की मांग कर रहा है। हालांकि इन सभी का कहना है कि आरक्षण जाति के आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए।