अप्रत्यक्ष रूप से की बीजेपी की मदद
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की इस करारी हार के लिए जितना जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी को माना जा रहा है, उतना ही अजीत जोगी और बीएसपी प्रमुख मायावती की जोड़ी को भी माना जा रहा है, लेकिन गहराई में जाकर देखा जाए तो कहीं ना कहीं अजीत जोगी और मायावती की जोड़ी ने भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा ही पहुंचाया है। बीजेपी को कुछ सीटों पर फायदा पहुंचाने के मामले में कांग्रेस पार्टी का भी हाथ रहा। वो ऐसे कि जोगी-मायावती की जोड़ी ने कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में सेंध मारी है, जिसका फायदा बीजेपी को हुआ है तो वहीं कांग्रेस के बागी नेताओं ने भी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में सेंध मारी।
15 में से 2 सीटों पर कांग्रेस की वजह से जीती बीजेपी
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 15 सीटें जीती हैं, जिनमें से तीन विधायकों (पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल और विद्या रत्न भासीन) ने सीधे तौर पर अपनी प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को हराया। बाकि 12 सीटों की बात की जाए तो यहां पर मायावती और अजीत जोगी के गठबंधन ने कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक को काटा, जिसका वोट मार्जिन बीजेपी को मिला। वहीं दो सीटों का ऐसा उदाहरण है, जहां कांग्रेस के बागी नेताओं ने ही अलग चुनाव लड़ा और इसका फायदा बीजेपी को हुआ।
ये हैं दो उदाहरण
– पहला, धमतरी की कुरूद विधानसभा सीट का, जहां पर बीजेपी के अजय चंद्राकर ने 72,922 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं दूसरे नंबर पर नीलम चंद्राकर रहे, जिन्हें 60,605 वोट मिले। आपको बता दें कि नीलम चंद्राकर कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े थे। वहीं तीसरे नंबर कांग्रेस के उम्मीदवार रहे जिन्हें 26,483 वोट मिले। अब अगर नीलम चंद्राकर बागी होकर चुनाव नहीं लड़े होते तो उनका और कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार का वोट एक जगह ही रहता।
– वहीं दूसरी तरफ धमतारी सीट पर कांग्रेस विधायक गुरुमुख सिंह होरा चौथी बार चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन पहली बार वो बीजेपी की रंजना कुमारी से 464 वोट से चुनाव हार गए, जिसकी वजह रही यूथ कांग्रेस लीडर आनंद पवार का अलग से चुनाव लड़ना। उन्होंने 29,163 वोट हासिल किए।
इसके अलावा बाकि की 10 सीटों पर थर्ड फ्रंट ( जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, बीएसपी और सीपीआई) ने सत्ता विरोधी लहर के चलते भारी संख्या में वोटों पर कब्जा किया। 10 सीटों में ज्यादातर सीटों पर ऐसा प्रभाव देखने को मिला, जहां थर्ड फ्रंट ने कांग्रेस का वोट काटा, जिसका फायदा बीजेपी को हुआ।