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अलका लांबा को मिल सकती है दिल्ली कांग्रेस की कमान, सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद चर्चा तेज

locationनई दिल्लीPublished: Feb 18, 2020 10:43:23 am

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

दिल्ली विधानसभा चुनाव ( Delhi Vidhan Sabha Chunav ) में हार के बाद कांग्रेस ( Congress ) में बड़े बदलाव की तैयारी
अलका लांबा ( Alka Lamba ) को बनाया जा सकता है दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष

Alka Lamba

अलका लांबा को दिल्ली कांग्रेस की कमान दी जा सकती है।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव ( Delhi Vidhan Sabha Chunav ) में कांग्रेस ( Congress ) पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। इस चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल सकी है। इतना ही नहीं केवल तीन उम्मीदवार ही अपनी जमानत जब्त होने से बचा सके। इस हार के बाद से कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। चर्चा यहां तक है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व अब खतरे में हैं। इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी अब दिल्ली में बड़े बदलाव की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब दिल्ली में कांग्रेस की जिम्मेदारी अलका लांबा ( Alka Lamba ) को दी जा सकती है।
दिल्ली चुनाव में हार के बाद अलका लांबा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अलका लांबा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस मुलाकात में हार की समीक्षा के साथ-साथ संगठन को लेकर चर्चा की गई है। प्रदेश कांग्रेस अभी बिना लीडरशिप के चल रही है। हार के बाद सुभाष चोपड़ा ने अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है, वहीं प्रभारी पीसी चाको का भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। फिलहाल, अंतरिम प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को यह जिम्मेदारी दी गई है। गोहिल बिहार के भी प्रभारी हैं और बिहार में इसी साल चुनाव साल होने हैं। ऐसे में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को चलाने के लिए फुलटाइम कप्तान की जरूरत है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में दिल्ली में एमसीडी का चुनाव होना है। पार्टी अब किसी सीनियर के हाथ में जिम्मेदारी के बजाए युवा चेहरे को प्रदेश का काम देना चाहती है, ताकि वो अपने एनर्जी के साथ काम कर सके और उन्हें पार्टी को मजबूत करने का लंबा वक्त मिल सके। कयास यह भी है कि प्रदेश की जिम्मेदारी अलका लांबा, देवेंद्र यादव जैसे युवा चेहरे को मिल सकती है। हालांकि, इस दौड़ में कई और नाम भी हैं। लेकिन, अलका लांबा को लेकर चर्चाएं तेज हैं और वह अध्यक्ष पद की रेस में भी आगे हैं।
यहां आपको बता दें कि अलका लांबा साल 1994 में एनएसयूआई से जुड़ी और ऑल इंडिया गर्ल कन्वेनर के रूप में काम किया। एक साल बाद ही 1995 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीता।इसके बाद 1997 में अलका एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं। साल 2002 में अलका लांबा को राजनीति का बड़ा ब्रेक मिला। उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद साल 2006 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनीं और उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया। 2007 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का भी सचिव बनने का मौका मिला। लेकिन, साल 2013 में अलका लांबा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं। 2015 विधानसभा चुनाव में अलका लांबा आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की। लेकिन, आप में भी ज्यादा दिन तक मामला सही नहीं चला और वह एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गईं। 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चांदनी चौक से उन्हें उम्मदीवार बनाया, लेकिन लांबा को पराजय का सामना करना पड़ा।
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