बेलगावी। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि राज्य सरकार लोकपाल की तर्ज पर कर्नाटक लोकायुक्त अधिनियम में व्यापक संशोधन करने पर विचार कर रही है। विधानसभा में बुधवार को लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के मसले पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैंने इस मसले पर सदस्यों की राय पर गौर किया है और इस बारे में विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने के बाद सरकार लोकायुक्त कानून मे व्यापक बदलाव के साथ संशोधन लाएगी।
उन्होंने कहा कि लोकायुक्त के आग्रह पर सरकार पहले ही एसआईटी का गठन कर चुकी है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद कानून में समुचित बदलाव के लिए कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले विधि व संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचन्द्रा ने कहा कि करीब एक साल पहले ही लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन लाए जाने के बारे में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय किया गया था, लेकिन मीडिया व आम जनता के लोकायुक्त संस्था को कमजोर करने की राय व्यक्त करने पर सरकार ने मौन साध लिया था। सरकार किसी भी हाल में पलायन का मार्ग नहीं चुनेगी।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जगदीश शेेट्टर, जद(ध) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी, विधायक रमेश कुमार, वाईएसवी दत्ता, एन. चेलुवरायस्वामी, के.जे. बोपय्या, सी.टी. रवि, जगदीश कुमार सहित कई सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया। विपक्ष के नेता शेट्टर ने लोकायुक्त वाई भास्कर राव के नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की की मांग करने का सरकार से आग्रह किया।
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