अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर के लिए देश के अन्य राज्यों से बेहतर डोमिसाइल नीति बनाई जाएगी। साथ ही व्यापक आर्थिक विकास नीति का मसौदा तैयार किया जाएगा।
अमित शाह की अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से 2 घंटों तक चली बैठक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, सरकार केन्द्रीय कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करन में कोई भेदभाव नहीं करेगी। सूत्र ने बताया कि शाह ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए करीब 40 मामलों पर चर्चा की। साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार का इस क्षेत्र में जनसांख्यिकी को बदलने का कोई इरादा नहीं है। शाह ने कहा, “ऐसी बातों का कोई आधार नहीं है।”
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कश्मीर में जल्द बनेगी औद्योगिक नीति
शाह ने शीघ्र औद्योगिक विकास के लिए एक औद्योगिक नीति बनाने की बात भी कही। इसके लिए एक लैंड बैंक भी बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा, “पिछले 70 सालों में जम्मू-कश्मीर ने 13,000 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त किया है। इससे क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा।”
जल्द रिहा होंगे हिरासत में लिए गए लोग
बंदियों को निरोधात्मक हिरासत से मुक्त करने, इंटरनेट की बहाली, कर्फ्यू में ढील देने जैसी बातों का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा, “यहां तक कि राजनीतिक कैदियों को भी सरकार के इस मुख्य उद्देश्य के पूरा होते ही आने वाले समय में मुक्त कर दिया जाएगा कि एक भी व्यक्ति को नहीं मरना चाहिए, चाहे वह एक आम कश्मीरी हो या सुरक्षाकर्मी।”
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शाह ने कहा कि वो उप राज्यपाल को कहेंगे कि वो एक नोडल अफसर को तैनात करें जो हफ्ते में दो बार लोगों से मिले। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सरकार उनके फीडबैक और सलाहों का स्वागत करती है। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और अन्य अधिकारी शामिल रहे। मीटिंग के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा, “हमने अपनी समस्याओं और आशंकाओं को साझा किया।”