भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथ
वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के सामने ऐन मौके पर बड़ी मुश्किल आ सकती है। हालांकि अभी पार्टी की कमान अभी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथ में है। लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित शाह का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में चुनावी कमान अमित शाह के हाथ में न होने से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं अगर भाजपा की कमान एक बार फिर से अमित शाह के हाथ में सौंपन चाहती है तो उसको पार्टी के संविधान में संशोधन करना होगा।
26 जनवरी को खत्म हो रहा कार्यकाल
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के संविधान के अनुसार एक शख्स दो बार से अधिक पार्टी अध्यक्ष के पर नहीं रह सकता। जबकि अमित शाह पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपने दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 पर फोकस करते हुए भाजपा कार्यकारिणी ने अमित शाह को लोकसभा चुनाव तक के लिए अस्थायी अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें, 2014 लोकसभा चुनाव राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लड़ा गया था। बाद में पार्टी को मिली जीत के बाद राजनाथ सिंह को मोदी सरकार में गृहमंत्री की जिम्मेदारी दी गई, जिसके बाद पार्टी अध्यक्षता की कमान अमित शाह को दी गई थी। वहीं, अमित शाह ने ही राजनाथ सिंह के बचे कार्यकाल को पूरा किया था।