अनिल परब ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों से कोई संबंध नहीं है। इतना ही नहीं उन्हें तो यह भी पता नहीं है कि क्या एसबीयूटी के खिलाफ कोई जांच भी की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि वाजे द्वारा लगाए गए सब आरोप भाजपा की रणनीति का एक हिस्सा हैं।
परब ने आगे कहा कि अपने पत्र में पुलिस कमिश्नर ने ये सब तो नहीं लिखा था। और जब जांच करने के लिए सीबीआई आ गई तो अब ऐसा क्यों बोल रहा है। इसका मतलब साफ है कि सचिन वाजे को कुछ करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और सरकार को बदनाम करने के लिए यह सब हो रहा है।
परब ने बताया, “पिछले 2 दिनों से, भाजपा कार्यकर्ता कह रहे थे कि अनिल परब का नाम सामने आएगा और उन्हें इस्तीफा देना होगा। उन्हें कैसे पता चला कि सचिन वाजे एक पत्र देंगे। यह साफ है कि महाराष्ट्र के मंत्रियों को बदनाम करने की साजिश है।”
उन्होंने कहा, “सचिन वाजे ने पहले इस बारे में बात क्यों नहीं की? उन्होंने पहले अनिल परब का उल्लेख नहीं किया। अचानक, वह एक पत्र लिखता है। इसका मतलब है कि सरकार को बदनाम करने के लिए उसे यह सब करने के लिए कहा गया है। मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं। मैं नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हूं।”