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AIUDF पर आर्मी चीफ के बयान पर भड़का विपक्ष, ओवैसी बोले- राजनीतिक बयान न दे सेना

locationनई दिल्लीPublished: Feb 22, 2018 12:51:49 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

सेना प्रमुख द्वारा AIUDF पर दिए गए बयान बयान पर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है।

AMRY
नई दिल्ली। बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत द्वारा दिए गये बयान ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। हैदराबाद से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख के बयान पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि सेना प्रमुख को किसी भी राजनीतिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए।
सेना प्रमुख राजनीतिक बयान न दें-ओवैसी
ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इतेहदुल मुसलिमीन के चीफ ओवैसी ने गुरुवार को एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा है कि सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उनका काम किसी भी राजनीतिक दल के उदय पर टिप्पणी करने का नहीं है। लोकतंत्र और संविधान इसकी अनुमति देता नहीं है। सेना हमेशा नागरिकों द्वारा निर्वाचित नेतृत्व के तहत काम करती है
https://twitter.com/asadowaisi/status/966480955086028800?ref_src=twsrc%5Etfw
सेना प्रमुख ने क्या कहा था?
एक सेमीनार में छात्रों से बात करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि देश में जितनी तेजी से बीजेपी का विकास नहीं हुआ उतनी तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की AIUDF बढ रही है। दरअसल छात्रों से बात करते हुए आर्मी चीफ ने बांग्लादेशी घुसपैठ और जनखंख्या वृद्धि को समझाने के लिए उदाहरण के तौर पर इस बात का जिक्र किया था।
प्रॉक्सी वार के फिराक में पड़ोसी देश
जनरल रावत ने आगे कहा कि देश के उत्तर पूर्व में बाहर से अवैध आबादी आने के पीछे पड़ोसी देश है। जिसका मकसद पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) ने बनाई है और उसे उत्तरी पड़ोसी (चीन) का समर्थन हासिल है। वे हमेशा सुनिश्चित करना चाहेंगे कि इलाके में प्रॉक्सी युद्ध लड़ा जाए। एक आयोजित सेमिनार में आर्मी चीफ ने कहा कि जब सामने ज्यादा मजबूत देश हो और उससे परंपरागत तरीके से नहीं निपटा जा सकता है तो प्रॉक्सी तरीका अपनाया जाता है।
विकास के जरिए लोगों को जोड़ने की जरुरत
नॉर्थ इस्ट में बांग्लादेशियों के आने पर आर्मी चीफ ने कहा कि मानव विकास के इंडेक्स में बांग्लादेश भले ही हमसे आगे हो, लेकिन वहां से आबादी आती रहेगी, क्योंकि वहां बाढ़ के कारण जमीन की कमी होती है। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं समझता है कि उत्तर पूर्व में आबादी का स्वरूप बदला जा सकता है। हमें सभी लोगों के साथ मिलकर रहना होगा। , चाहे वे किसी जाति, धर्म के लोग हो। अगर हमलोगों को अलग करने लगे तो समस्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वहां विकास के लिए लोगों को जोड़ना सबसे जरूरी है। सरकार विकास का ध्यान रख रही है, लेकिन मैं आज सद्भावना यात्रा पर मणिपुर से आए बच्चों से मिला। वे दिल्ली के आसपास घूमने गए थे, जहां उन्हें विदेशी समझा गया। उत्तर पूर्व के लोगों की पहचान की समस्या है, जबकि वे हमारे देश का हिस्सा हैं।’ इस दौरान आर्मी चीफ ने उत्तर पूर्व से आए एक शख्स से हुई बातचीत का किस्सा भी सुनाया।
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