ये था राहुल का दावा मोदी सरकार के खिलाफ शुक्रवार को गांधी ने कहा था कि मैक्रों ने उन्हें बताया कि राफेल सौदे में कोई बाध्यकारी गोपनीयता नियम नहीं है। इसके बाद फ्रांस सरकार ने उनके इस बयान को खारिज किया। जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बातचीत की कहानी गढ़कर अपनी खुद की विश्वसनीयता को कम किया है और विश्व के समक्ष किसी भारतीय राजनीतिज्ञ की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।’
पीएम बनने के आकांक्षी का हर शब्द कीमती होना चाहिए जेटली ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को महत्वहीन बना दिया। चर्चा में शामिल अग्रणी प्रतिभागी आमतौर पर वरिष्ठ नेता होते हैं। उनसे राजनीतिक चर्चा का स्तर उठाने की उम्मीद की जाती है। सरकार के खिलाफ अविश्वास मत एक गंभीर कार्य होता है। यह अगंभीरता का मौका नहीं होता है।’ चर्चा में शामिल कोई प्रतिभागी किसी राष्ट्रीय दल का अध्यक्ष हो और जिसकी प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा हो तो उसके द्वारा बोला गया एक-एक शब्द कीमती होना चाहिए। उसके तथ्यों में विश्वसनीयता झलकनी चाहिए।
‘…तो भगवान कांग्रेस की मदद करे’ जेटली ने कहा, ‘उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि सौदे में कथित तौर पर क्यों एक खास कारोबारी का पक्ष लिया। यदि 2019 के लिए यह उनका सर्वश्रेष्ठ तर्क है तो भगवान उनकी पार्टी की मदद करे। किसी को भी किसी सरकार प्रमुख या राष्ट्र प्रमुख के साथ वार्ता के बारे में कभी भी गलत उद्धरण नहीं देना चाहिए। आपके एक बार यह करने पर गंभीर लोग आपसे या आपकी मौजूदगी में बातचीत नहीं करना चाहेंगे।’