राजनीति

अरुण शौरी ने नोटबंदी को बताया कालेधन को सफेद करने की अब तक की सबसे बड़ी योजना

अरुण शौरी ने जीएसटी को बताया जल्दबाजी का फैसला, उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी की आमदनी हुई है कम

Oct 04, 2017 / 02:51 pm

Kapil Tiwari

नई दिल्ली: मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां एक बार फिर से सवालों के घेरे में हैं। दरअसल, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को पूरी तरह से फेल बताया है। अरुण शौरी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में नोटबंदी और जीएसटी जैसे 2 बड़े आर्थिक बदलावों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी तो एक मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम थी, जिसके तहत लोगों ने अपने काले धन को सफेद कर लिया।
नोटबंदी ने कालेधन को किया सफेद
अरुण शौरी ने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नोटबंदी के जरिए कोई कालाधन नहीं रुका है, बल्कि कालेधन को सफेद किया गया है। इस दौरान उन्होंने आरबीआई की उस जानकारी के बारे में भी बताया, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के बाद 99 फीसदी लोगों ने बैंकों में पुराने नोट बैंक में जमा होने की बात कही गई थी।
‘जीएसटी था जल्दबाजी का फैसला’
इसके अलावा उन्होंने जीएसटी को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार का जीएसटी लाने वाला कदम भी गलत था। उन्होंने कहा, ‘इस वक्त देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यह संकट जीएसटी की वजह से पैदा हुआ है’।
अरुण शौरी ने जीएसटी को लागू करने का फैसला जल्दबाजी और नासमझी भरा बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी में बड़ी खामियां हैं, यही वजह है कि सरकार को कई बार इसके नियमों में बदलाव करने पड़े। शौरी ने दावा किया कि जीएसटी से कारोबार पर बड़ा संकट आया है और लोगों की आमदनी घटी है।
अटल जी की सरकार में मंत्री रहे थे अरुण शौरी
आपको बता दें कि अरुण शौरी एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और राजनेता हैं। अरुण शौरी 1998-2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में विनिवेश मंत्री रहे थे। इसके अलावा उनकी पहचान एक खोजी पत्रकार के रुप में भी होती है। बताया जाता है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में अरुण शौरी ने खोजी पत्रकारिता की शुरुआत की थी। एनडीए की सरकार में उन्होंने विनिवेश के साथ-साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों सहित कई अन्य विभागों का जिम्मा संभाला था।
यशवंत सिन्हा ने किया था हमला
आपको बता दें कि अरुण शौरी से पहले उनके साथ अटल कैबिनेट में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी हाल ही में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने आर्थिक मुद्दों पर सरकार को फेल बताया था। यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाए थे।

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