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दिल्‍ली: केजरीवाल सरकार का एक सराहनीय कदम, शादियों बड़ी संख्‍या में मेहमानों को बुलाने पर लगेगी रोक

दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव विजय देव ने कहा कि राजधानी में अमीरों और गरीबों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए।

Dec 13, 2018 / 01:29 pm

Dhirendra

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केजरीवाल डालेंगे दिल्‍लीवालों की खुशियों में खलल, शादी में आने वालों की संख्‍या तय करेगी दिल्‍ली सरकार

नई दिल्‍ली। खाने की बर्बादी रोकने और ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए दिल्‍ली सरकार के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सराहनीय कदम की घोषणा बहुत जल्‍द करने वाले हैं। दिल्‍ली सरकार एक ऐसा नियम बनाने जा रही है जिससे यह तय होगा कि शादी का आयोजन बड़े पैमाने पर न हो सके। इसके लिए सरकार शादी में मेहमानों की संख्‍या सीमित करने पर भी विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सबसे ज्‍यादा लाभ आम आदमी और गरीबों को मिलेगा। पहली बात ये कि उन्‍हें इस बात का मलाल नहीं सालेगा कि वो अमीर लोगों की तरह बड़े पैमाने पर शादी का आयोजन नहीं कर सकते। दूसरी बात ये कि वो कम खर्च में बेहतर शादी का आयोजन कर पाएंगे और अपनी बेटी को गर्मजोशी और खुशी खुशी विदा कर पाएंगे।
खाने की बर्बादी रोकेगी दिल्‍ली सरकार
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के मुख्य सचिव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोजन की बर्बादी और ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार मेहमानों की संख्या सीमित करने की नीति लागू करना चाहती है। शादी और पार्टी जैसे समारोहों में भोजन और पानी की भारी बर्बादी पर ध्यान देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पानी की कमी के चलते ऐसी बर्बादी अस्वीकार्य है। कोर्ट ने राजधानी में भुखमरी से होने वाली मौतों का भी जिक्र किया।
अदालत में रखा सरकार का पक्ष
जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस दीपक गुप्ता, और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच के समक्ष दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने कहा कि सरकार ने कोर्ट की चिंता पर ध्यान दिया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राजधानी में अमीरों और गरीबों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ विकल्पों पर चर्चा की जा रही है और दो-स्तरीय रणनीति को भी सक्रिय रूप से तैयार जा रहा है। ताकि भोजन की उपलब्धता और समारोहों पर मेहमानों की संख्या सीमित की जा सके। गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से भी गरीबों तक अतिरिक्त भोजन पहुंचाने की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि होटल, फार्म हाउस और शहर के आसपास के होटलों के प्रबंधन के छह हफ्तों के भीतर एक नीति तैयार की जा सकती है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली के एलजी और मुख्य सचिव को पॉलिसी तैयार करने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है।

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