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अधिकारों की जंग: गृहमंत्री से मिले केजरीवाल, राजनाथ सिंह ने अधिकारियों से बात करने का दिया भरोसा

locationनई दिल्लीPublished: Jul 11, 2018 05:54:17 pm

Submitted by:

Prashant Jha

गौरतलब है कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार और उप राज्यपाल के बीच जंग जारी है।

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अधिकारों की जंग: गृहमंत्री से मिले केजरीवाल, राजनाथ सिंह ने अधिकारियों से बात करने का दिया भरोसा

नई दिल्ली: दिल्ली में अधिकारों को लेकर चल रही खींचतान का मामला थमने का नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल के बीच जंग जारी है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को राजनाथ सिंह से मुलाकात कर दिल्ली में सरकार और उप राज्यपाल के बीच अधिकार को लेकर जारी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर चर्चा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जल्द ही सभी समस्याओं को निपटरा करने का आश्वासन दिया। साथ ही मिलकर काम करने की सलाह दी। मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि गृहमंत्री से उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ डिप्टी सीएम सिसोदिया भी उनके साथ थे। इससे पहले केजरीवाल ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से भी मुलाकात की थी।

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फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच जारी हक की लड़ाई एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुकी है। दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती और तबादलों सहित सेवा से जुड़े विवादास्पद मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर सहमति जता दी है। दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने ट्वीट कर कहा कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अदालत में याचिका दायर हो गई है, और मामले का जल्द निपटारा करने का आग्रह किया गया है। राहुल मेहरा ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने संकेत दिया है कि मामला अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। मेहरा ने कहा कि दिल्ली सरकार शीर्ष अदालत के पास इसलिए पहुंची है, क्योंकि अधिकारियों के स्थानान्तरण और तैनाती के अधिकार और शक्ति को लेकर अभी भी भ्रम है।
कोर्ट के आदेश की हो रही अवमानना

केजरीवाल मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत ने कहा है कि तीन मामलों (पुलिस, भूमि और सार्वजनिक व्यवस्था) को छोड़कर सेवा समेत सभी शक्तियां दिल्ली सरकार के पास हैं। फैसला अब एक कानून बन चुका है, वे लोग इसे नहीं मान रहे हैं। यह न्यायालय की अवमानना है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

गौरतलब है कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि एलजी दिल्ली में कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि एलजी को केबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा। वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने कोर्ट के फैसले को एतिहासिक बताया है।
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