खास बात यह है कि इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इस बार तीन नए दल ताल ठोंक रहे हैं। इनमें अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी आम आदमी पार्टी भी अपनी जमीन तलाशेगी।
गुजरात में होने वाले सूरत महानगर पालिका के चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ बीजेपी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के साथ-साथ तीन अन्य दल भी मैदान में नजर आएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हत्या को लेकर बीजेपी सांसद का विवादित बयान, जानिए जुबानी जंग में कैसे बिगड़े बोल
पहली बार इस चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के अलावा 3 नई पार्टियां शिरकत करेंगी। आम आदमी पार्टी (आप) भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है, और उसने अपने उम्मीदवार भी उतारने शुरू कर दिए हैं।
आप के 17 उम्मीदवारों के नाम सामने आ गए हैं। जबकि अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यहां पर एआईएमआईएम भारतीय ट्राएबल पार्टी (बीटीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
ओवैसी की नजर गुजरात पर
बिहार की जीत ने एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के हौसले बुलंद कर दिए हैं। यही वजह है कि वे पार्टी विस्तार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। ओवैसी पहले ही पश्चिम बंगाल और यूपी में चुनावी ताल ठोंकने का ऐलान कर चुके हैं।
बिहार की जीत ने एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के हौसले बुलंद कर दिए हैं। यही वजह है कि वे पार्टी विस्तार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। ओवैसी पहले ही पश्चिम बंगाल और यूपी में चुनावी ताल ठोंकने का ऐलान कर चुके हैं।
वहीं उनकी नजरें अब मनपा चुनावों पर टिक रही है, जो बताती है कि मुस्लिम वोटों पर पकड़ बनाने के लिए ओवैसी ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा हैदराबाद में जिस तरह बीजेपी ने जड़ें जमाने की कोशिश की थी, ठीक उसी तरह अब ओवैसी भी गुजरात में अपने लिए जमीन तलाशने में जुट गए हैं। हालांकि यहां वे गठबंधन के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मकसद साफ है मुस्लिम और पिछड़े वोटों को अपनी झोली में लाना।
‘आप’ भी तैयार
पिछले कुछ समय से कांग्रेस के पक्ष में चुनावी नतीजे ना आने की वजह से अब छोटी पार्टियों ने अपने विस्तार की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी भी शामिल है। दिल्ली, पंजाब से निकलकर अब आप उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में अपनी जड़े जमाने की कोशिश कर रही है।
पिछले कुछ समय से कांग्रेस के पक्ष में चुनावी नतीजे ना आने की वजह से अब छोटी पार्टियों ने अपने विस्तार की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी भी शामिल है। दिल्ली, पंजाब से निकलकर अब आप उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में अपनी जड़े जमाने की कोशिश कर रही है।
वहीं गुजरात में मनपा चुनाव को लेकर भी आप पहले ही ऐलान कर चुकी है। आप लगातार तीन बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज कर चुकी है। अब आम आदमी पार्टी ने अन्य राज्यों में भी पांव पसार रही है।
पार्टी के नेताओं का कहना है कि, गुजरात के निकाय चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतरेगी। इस बाबत पार्टी ने संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। गुजरात को लेकर आम आदमी पार्टी की संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद कमान संभाल ली है।
मौसम विभाग का सबसे बड़ा अलर्ट, अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में भारी बारिश के साथ भीषण ठंड का होगा आगाज पार्टी ने विधायक आतिशी को चुनावी बिगुल फूंकने का बड़ा दायित्व सौंपा है। केजरीवाल कह चुके है कि गुजरात के लोग बीजेपी से परेशान हो चुके हैं और कांग्रेस यहां पर खत्म हो चुकी है। ऐसे में लोगों को तीसरे विकल्प की तलाश है जो आप पूरा करेगी।