जिन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं उसमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल है। सबसे बड़ी बात ये है कि चार राज्यों में से सिर्फ एक राज्य में भाजपा की सरकार है और पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू है।
तमिलनाडु व पुदुचेरी के विधानसभा चुनाव एक चरण में 6 अप्रेल को, मतगणना 2 मई को
अब आए जानते हैं कि कौन से राज्य में कितने चरणों में मतदान होगा और किस राज्य में विधानसभा की कितनी सीटें हैं। बता दें कि सभी पांचों राज्यों के कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। जिनमें 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। सभी पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम एक ही दिन 2 मई को आएंगे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग आठ चरणों में होगी। पिछली बार सात चरणों में हुआ था। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को पांच जिलों के 30 विधानसभा सीटों पर होगा।
वहीं दूसरे चरण में चार जिलों के 30 सीटों पर एक अप्रैल को वोटिंग होगी। तीसरे चरण का मतदान छह अप्रैल को 31 विधानसभा सीटों पर होगा। वहीं चौथे चरण का मतदान 44 सीटों पर 10 अप्रैल को और पांचवें चरण की वोटिंग 17 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगी। 22 अप्रैल को छठे चरण में 43 सीटों पर और 26 अप्रैल को सातवें चरण में 36 सीटों पर मतदान होगा। बंगाल में अंतिम और आठवें चरण का मतदान 35 विधानसभा सीटों पर 29 अप्रैल को होगा। बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त होगा।
असम में तीन चरणों में होगा चुनाव
पूर्वोत्तर के असम राज्य में तीन चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को 47 विधानसभा सीटों पर होगा। इसके लिए नामांकन की अंतिम तारीख नौ मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 10 मार्च रहेगी। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को 39 सीटों पर होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 17 मार्च रखी गई है।
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तीसरे चरण में छह अप्रैल को 40 सीटों पर मतदान होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 19 मार्च और नामांकन वापसी 22 मार्च तक होगी। चुनाव आयोग ने बताया है कि असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी। असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है।
केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक चरण में होगा मतदान
बता दें कि दो राज्यों केरल, तमिलनाडु और एक केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में छह अप्रैल को एक ही चरण में सभी सीटों पर वोटिंग होगी। केरल की छह खाली संसदीय सीटों पर भी छह अप्रैल को ही वोटिंग होगी। केरल विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा होगा। जबकि तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को पूरा होगा।
सभी चुनाव अधिकारियों को लगेगी वैक्सीन
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी राज्यों में लगभग 30 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ा दिए गए हैं। संवेदनशील केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। अरोड़ा ने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी।
उन्होंने बताया कि सभी चुनाव अधिकारियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा और मतदान केंद्रों पर कोरोना के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। हालांकि, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
आरक्षित सीटों पर मतदान
सुनील अरोड़ा ने बताया कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में सभी आरक्षित सीटों पर भी वोटिंग होगी। असम की 126 विधानसभा सीटों में अनुसूचित जाति के लिए आठ, अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 68 और अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं।
पुडुचेरी की 140 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 30 और अनुसूचित जनजाति के लिए पांच सीटें आरक्षित हैं। केरल विधानसभा की बात करें तो यहां की 140 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 14 और अनुसूचित जनजाति के लिए दो सीटें आरक्षित हैं। 234 सीट वाली तमिलनाडु विधानसभा में अनुसूचित जाति के लिए 44 और अनुसूचित जनजाति के लिए दो सीटें आरक्षित हैं।