चन्नी की बड़ी घोषणा सोमवार को लुधियाना में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य दोन नेताओं के साथ ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों के बीच पहुंचे और उनसे संवाद किया। इस दौरान चन्नी ने कहा कि लंबित सभी चालानों को माफ कर दिया जाएगा। यही नहीं चन्नी ने उन्होंने सभी ऑटो चालकों की समस्याओं को भी सुना और उसे सुलझाने का आश्वासन भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑटो चालकों के लिए नए पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किये जाएंगे।
चन्नी ने कहा, “लुधियाना में पंद्रह हज़ार ऑटो रिक्शा चालक हैं और तीस हज़ार अन्य जो खाद्य स्टालों और फलों की सब्जियां चलाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। पुलिस उनसे पैसे वसूलती है, जिसे अनुमति नहीं दी जाएगी।” इस दौरान उन्होंने ऑटो चालकों के साथ नाश्ता भी किया।
पहले क्यों नहीं सुनी इनकी समस्या? हालांकि, इससे पहले जब राज्य में विभिन्न जिलों के छोटे ट्रांसपोर्टर्स काफी समय से अपनी समस्याओं को सुलझाने की मांग कर रहे हैं, परंतु इसपर सरकार का कोई बड़ा कदम देखने को नहीं मिला है। कोरोना के कारण कई ऑटो चालकों के लिए अपनी जीवनी चलाना कठिन हो गया था, परंतु अब जाकर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है। इसके अलावा पंजाब के निजी बस ट्रांसपोर्टर भी कोरोना के कारण संकट से जूझ रहे हैं, शायद इन्हें भी लुभाने के नाम पर इनकी समस्याओं को सुना जाएगा और समाधान का आश्वासन दिया जाए।
केजरीवाल की ऑटो पॉलिटिक्स चरणजीत सिंह चन्नी ने ये घोषणा तब की है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब के ऑटो चालकों से मिल रहे हैं और उनके बीच पहुंचकर उनसे संवाद कर रहे हैं। इसके साथ ही उनकी समस्याओं को सत्ता में आने के बाद सुलझाने का वादा भी कर रहे। लुधियाना में अरविंद केजरीवाल ऑटो और कैब ड्राइवरों व टैक्सी यूनियनों के पदाधिकारियों और सदस्यों से भी मिले थे। इस जनसभा में बड़ी संख्या में ऑटो, कैब और टैक्सी वाले पहुंचे। इस दौरान सभी ने अपनी समस्याएं सामने रखीं और पंजाब में आरटीए, ट्रैफिक पुलिस और पंजाब पुलिस से होने वाली समस्याओ का उल्लेख किया। हालांकि, केजरीवाल ने अपने कैंपेन के लिए पोस्टर भी जारी किये।
इस दौरान केजरीवाल और अन्य नेताओं ने ऑटो चालक दिलीप कुमार तिवारी के निमंत्रण को स्वीकार कर उसके घर सोमवार रात डिनर भी किया। इसके बाद से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि केजरीवाल दिल्ली के मॉडल के तहत पंजाब में भी चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
खुद केजरीवाल ने इसपर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘दिल्ली सरकार द्वारा ऑटो और कैब चालकों के लिए किए गए अतुलनीय कार्यों के कारण दिल्ली का हर ऑटो चालक मुझे अपना भाई मानता है। वैसे ही आज मैं आपका भाई बनकर आया हूं। मैं रिश्ता बनाने आया हूं। मुझे अपना भाई बनाओ और मैं तुम्हारी सभी समस्याओं का समाधान करूंगा।’ आगे केजरीवाल ने जनसभा में कहा, “दिल्ली में हमारी सरकार के गठन में 70 प्रतिशत योगदान ऑटो और टैक्सी चालकों का था। आप दिल्ली के किसी भी ऑटो चालक को फोन कर हमारे बारे में पूछ सकते हैं। अगर वह हमारी प्रशंसा नहीं करते हैं तो मुझे वोट न दें।”
इस दौरान केजरीवल ने पंजाब के सीएम को ‘नकली केजरीवाल’ भी कहा। उन्होंने कहा कि ‘चन्नी को जैसे ही पता चला कि मैं ऑटो चालकों से मिलने वाला हूँ तो वो मुझसे पहले उनसे मिलने पहुँच गए। वो वही करते हैं जो मैं करता हूँ। वो असली केजरीवाल नहीं हैं।’
केजरीवाल की खुली पोल हालांकि, केजरीवाल की ऑटो पॉलिटिक्स की पोल तब खुल गई जब मीडिया में ये सामने आया कि जिस ऑटो चालक ने उन्हें अपने घर खाने पर बुलाया था वो आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है। इस बात का खुलासा खुद ऑटो चालक के भाई महेंद्र कुमार तिवारी ने एक मीडिया की रिपोर्ट में किया है। ऑटो चालक के भाई ने बताया कि उनका भाई आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है और वो काफी समय से इस पार्टी से जुड़ा है । ऐसा लगता है कि आम जनता से जुड़ाव को दिखाने के लिए ये सब केजरीवाल की सोची समझी रणनीति है।
पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले जिस तरह से ये दोनों ही मुख्यमंत्री ऑटो चालकों को रिझाने में जुटे हैं उससे ये कहना गलत नहीं होगा कि दोनों ही राज्य की जनता को लुभाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हालांकि, इन दोनों में से किसे जनता अपना नेता चुनती है ये तो आने वाला वक्त बताएगा।