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बेटी बचाओ.. कार्यक्रम से 104 जिलों में लिंगानुपात में वृद्धि: मेनका

Published: Jul 29, 2017 03:05:00 pm

केंद्र सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा, ‘बीबीबीपी योजना लॉन्च के पहले वर्ष में 100 जिलों में शुरू की गई थी। 

Maneka Gandhi

Maneka Gandhi

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा, ‘बीबीबीपी योजना लॉन्च के पहले वर्ष में 100 जिलों में शुरू की गई थी। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के कारण पहले ही साल के अंत तक ही 58 जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात में वृद्धि देखने को मिली। दूसरे वर्ष में योजना 161 जिलों में शुरू की गई, जिसमें से 104 जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोत्तरी दिखी है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में सिक्किम में उत्तरी जिला, करनाल, कुड्डालोर, गाजियाबाद, मनसा, रेवाड़ी आदि शामिल हैं।

हरियाणा और राजस्थान पुरस्कृत
गांधी ने बताया कि बीबीबीपी योजना के क्रियान्वयन में हरियाणा और राजस्थान ने बेहतर परिणाम दिए हैं और उन्हें पुरस्कृत किया गया है। मंत्री ने बताया, इस शानदार कार्य के लिए महिला और विकास मंत्रालय ने दस जिलों का अभिनंदन किया है। इन जिलों में महाराष्ट्र का जलगांव और ओस्मानाबाद, जम्मू एवं कश्मीर में कठुआ, राजस्थान में झुंझुनु, मध्य प्रदेश में ग्वालियर, तमिलनाडु में कुड्डालोर, छत्तीसगढ में रायगढ़, हरियाणा में यमुनानगर और पंजाब में मनसा शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में बेटी बचाओ योजना लागू नहीं
मेनका ने बताया कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को लागू किया है। उन्होंने बताया, कुछ जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में निराशाजनक प्रवृत्ति देखने को मिली है। इन जिलों में इटावा, सहारनपुर, बिजनौर, पिथौरागढ, हरिद्वार और कोलकाता शामिल हैं। इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन जिलों में डीसी/नोडल अधिकारियों के साथ साप्ताहिक और मासिक बैठकें की जा रही हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ कार्यरत लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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