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बिहार-यूपी उपचुनाव: 3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर वोटिंग खत्म, 14 को आएगा रिजल्ट

Published: Mar 11, 2018 07:48:34 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर 14 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

Bypoll Voting End

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नई दिल्ली: यूपी और बिहार में रविवार को उपचुनाव के लिए चल रही वोटिंग खत्म हो गई है। इसी के साथ अब इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों के अंदर बंद हो गई है। वोटों की गिनती और नतीजे 14 मार्च को आएंगे। यूपी और बिहार दोनों ही जगह उपचुनाव के लिए हुई वोटिंग सुस्त रही। यूपी में गोरखपुर लोकसभा सीट पर 37.39 फीसदी और इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट पर 43 फीसदी मतदान हुआ है।
तीनों लोकसभा सीटों का वोटिंग प्रतिशत
वहीं बता करें बिहार की तो यूपी की दोनों लोकसभा सीट के मुकाबले यहां की अररिया सीट पर मतदान काफी अच्छा रहा है। अररिया लोकसभा सीट पर 57 फीसदी वोटिंग हुई है। बिहार में अररिया के अलावा 2 विधानसभा सीटों जहानाबाद और भभुआ सीट पर भी आज उपचुनाव के लिए वोटिंग थी। जानकारी के मुताबिक, बिहार के भाभुआ में पांच बजे तक 43 फीसदी लोगों ने मतदान किया है। अब इन सभी सीटों के नतीजे 14 मार्च को आएंगे।
यूपी में सीएम और डिप्टी सीएम की साख दांव पर है
आपको बता दें कि बिहार और यूपी में तीनों लोकसभा सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। जहां एक तरफ यूपी की गोरखपुर और फूलपुर सीट पर सपा और बीजेपी के बीच सीधे लड़ाई है तो वहीं बिहार की अररिया सीट पर नीतीश और तेजस्वी के बीच मुकाबला माना जा रहा है। गोरखपुर सीट से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधे प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है तो वहीं फूलपुर सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। गोरखपुर की सीट योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई है तो वहीं फूलपुर सीट भी केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बन जाने के बाद खाली हुई है।
बिहार में तेजस्वी-नीतीश के बीच है मुकाबला
वहीं बिहार की अररिया सीट सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के चलते खाली हुई थी। यहां से मुकाबला नीतीश और तेजस्वी के बीच इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया था, जिसके बाद राज्य में JDU-BJP गठबंधन की सरकार चल रही है। नीतीश के लिए परीक्षा इसलिए है क्योंकि इससे पता चलेगा कि उनके इस फैसले से जनता के बीच में क्या संदेश गया है।

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