जनसंख्या नियंत्रण कानून : राज्यसभा में मानसून सत्र में पेश होगा बिल, 6 अगस्त को हो सकती है चर्चा
इन सबके बीच जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा बयान दिया है। नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को गैर जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की जरूरत नहीं है।
महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी: नीतीश
सीएम नीतीश ने दलील दी कि यदि देश की महिलाओं को शिक्षित किया जाए तो अपने-आप देश की जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी। नीतिश ने कहा कि कोई भी राज्य चाहे कुछ बी करे या कोई भी कानून बनाए इसपर मुझे कुछ नहीं कहना है.. लेकिन मेरा मानना है कि यदि घर की महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी तो जनसंख्या अपने-आप नियंत्रित हो जाएंगी।
नीतीश ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। उसके लिए लोगों का पढ़ना लिखना भी जरूरी है। जब लोग खासकर महिलाएं पढ़ लिख जाएंगी तो प्रजनन दर में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि यह दावा नहीं किया जा सकता है कि हर परिवार में प्रजनन दर घटेगी लेकिन यह तय है कि इसमें कमी जरूर आएगी।
2040 तक बिहार में नियंत्रित हो जाएंगी जनसंख्या
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण पर लाई गई नीति पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्टता के साथ कहा कि कोई भी राज्य कुछ भी कानून बनाए इसपर उन्हें कुछ नहीं कहना है, लेकिन यदि घर की महिलाओं को शिक्षित किया जाए तो खुद-ब-खुद जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की जरूरत नहीं है।
इसके लिए उन्होंने चीन का हवाला देते हुए कहा कि वहां पहले एक बच्चे की नीति लागू हुई और अब फिर से दो बच्चों की बात की जा रही है। ऐसे में वहां क्या हो रहा है ये हम सभी जानते हैं। मेरा स्पष्ट मानना है कि महिलाएं अगर पढ़-लिख जाएंगी तो अपने आप जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी। मुझे लगता है कि 2040 तक बिहार की जनसंख्या नियंत्रण में आ जाएगी।
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाए जाने को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट को सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) के दिन जारी किया। इस ड्राफ्ट को राज्य की जनता के बीच रखा गया और सुझाव मांगे गए हैं। राज्य की जनता से 19 जुलाई तक राय मांगी गई है, इसके बाद ड्राफ्ट पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इस ड्राफ्ट को तैयार किया है।
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इस ड्राफ्ट में कई प्रावधान किए गए हैं। इनमें दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। स्थानीय निकाय और पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं। यह भी सूझाव दिया गया है कि राशन कार्ड में भी चार से अधिक सदस्यों के नाम नहीं लिखे जाएंगे। 21 साल से अधिक उम्र के युवक और 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों पर एक्ट लागू होगा। कानून लागू होने के बाद यदि किसी महिला को दूसरी प्रेग्नेंसी में जुड़वा बच्चे होते हैं, तो वह कानून के दायरे में नहीं आएंगी। यदि किसी के 2 बच्चे नि:शक्त हैं तो उसे तीसरी संतान होने पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।