#Metoo: यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे एमजे अकबर से औवेसी ने मांगा इस्तीफा, पीएम मोदी पर साधा निशाना
जानकारी के अनुसार नीतीश सरकार ने बाल विवाह के बहाने राज्य की आधी आबादी महिलाओं और छात्रों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने का दांव चला है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने इन दोनों योजनाओं को मंजूर कर इनको इसी वित वर्ष से लागू कर दिया है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में युवा और नए मतदाता को स्थिति को काफी अहम मानकर चल रहे हैं। इसी का परिणाम है कि बिहार सरकार ने चुनाव के कुछ महीने पहले ही इन योजनाओं को मूर्त रूप दे दिया है।
आपको बता दें कि वर्तमान में बिहार सरकार बच्चियों के पैदा होने से लेकर उनकी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने तक लगभग 54100 की राशि प्रदान करती है। नीतीश सरकार मानती है कि जब तक कोई लड़कियों को कोई प्रोत्साहन राशि बाल विवाह जैसे गलत प्रथा के खिलाफ नहीं दी जाती है तब तक ये ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाना मुश्किल है।