सुशील मोदी ने कहा है कि चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के एक दूसरे के सहारे की जरूरत पड़ेगी। ये कहर सुशील मोदी ने बिहार में अपनी सरकार पांच वर्षों के कामकाज पर भी अप्रत्यक्ष रूप से एक सवालिया निशान लगा लिया है। हालांकि जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन से ही ये सरकार चल रही है।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, मौसम विभाग ने जारी किया सबसे बड़ा अलर्ट सुशील मोदी में बिहार में गठबंधन की राजनीति को एक बार फिर हवा दे डाली है। उन्होंने साफ कर दिया है इस बार का चुनाव भी बगैर जोड़-तोड़ के नहीं जीता जा सकता। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बिहार में गठबंधन की राजनीति एक ‘वास्तविकता’ है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल इसके त्रिकोण हैं। इनमें से किसी को दल को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वो ये चुनाव अपने दम पर जीत कर सरकार बना सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि 2015 में बीजेपी अलग से चुनाव लड़ कर देख चुकी है, जबकि 2014 में जेडीयू ने अलग से चुनाव लड़कर नतीजा देखा था। यानी अपने बयान से ही सुशील मोदी ने ये भी साफ कर दिया कि दोनों अलग-अलग चुनाव नहीं लड़ सकते।
हालांकि उपमुख्यमंत्री ने बाद में ये सफाई भी दे डाली कि बीजेपी को अपनी क्षमता पर कोई शक नहीं है। लेकिन मिलजुलकर चुनाव लड़ेंगे तभी हम लोगों को सफलता मिलेगी। मोदी के इस बयान से जाहिर है कि बिहार में चुनावी टक्कर चुनौतियों से भरी रहेगी।
अनलॉक-4 को लेकर जारी हुई गाइडलाइन के बारे में जानें सबकुछ, बस एक क्लिक पर चुनावी बयानबाजी के बीच उपमुख्यमंत्री ने ये दावा किया कि इस बार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने में सफल होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस चुनाव में विपक्ष का महागठबंधन दूर-दूर तक नहीं टिक नहीं पाएगा। सुशील मोदी के दावें में कितनी सच्चाई है ये तो चुनाव के नतीजों से स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन चुनाव से पहले मिलकर चलने वाले बयान के कई मायने निकाले जाएंगे।