बिहार विधानसभा चुनाव में छह वाम दलों ने अधिकांश सीटों पर मिलकर चुनाव लडऩे का फैसला किया
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और जनता दल यूनाइटेड के नेतृत्व वाले महागठबंधन से मुकाबले के लिए तीसरे मोर्चा के गठन के प्रयास के बीच छह वाम दलों ने अधिकांश सीटों पर मिलकर चुनाव लडऩे का फैसला किया है। बिहार में यह पहली बार होगा जब वामदल मुकम्मल तौर पर सीटों का समझौता कर चुनाव लड़ेंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी लेनिनवादी), भाकपा (एमएल), ऑल इंडिया फार्वर्ड ब्लॉक, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेताओं ने संयुक्त रूप से मैदान में उतरकर नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार को चुनौती देना तय किया है।
सूत्रों के अनुसार वामदलों में 190 सीटों पर सहमति बन गई है लेकिन 60 सीटों पर अभी खींचतान जारी है। वामदल इस वर्ष सभी 243 सीटों पर संयुक्त प्रत्याशी उतारने की कोशिश में जुटे हैं। तालमेल बनाने के लिए वामदलों में अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। इसके बावजूद कुछ सीटों पर मतभेद बरकरार है। वाम गठबंधन में भाकपा माले, भाकपा और माकपा के साथ ही छह वामदल शामिल हैं।
भाकपा माले ने 2010 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इस बार भी वह 90 से कम सीटों पर प्रत्याशी उतारने के मूड में नहीं है। पिछले वर्ष भाकपा ने चुनाव में 56 सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे थे। माकपा ने 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन इस वर्ष भाकपा 100 सीटें चाहती है। माकपा भी 50 से कम सीटें नहीं चाह रही। वाम गठबंधन में अन्य वामदल आरएसपी और फार्वर्ड ब्लॉक, एसयूसीआई भी दो-दो दर्जन सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं। वामदलों ने पूर्ण गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय किया है। पिछले 210 के विधानसभा चुनाव में करीब 15 सीटों पर भाकपा माले और माकपा के बीच दोस्ताना संघर्ष हुए थे। हालांकि कौन सी सीट किस वामदल को जाएगी, यह अभी तय नहीं है।
सितंबर से संयुक्त प्रचार अभियानसीटों के तालमेल का मामला सुलझने के बाद सितंबर से वामदलों के नेताओं की संयुक्त चुनावी सभा सभी विधानसभा क्षेत्रों में होगी। आम लोगों की समस्याओं पर सितंबर मध्य में वामदलों का संयुक्त कन्वेंशन होगा। इसमें शीर्ष नेताओं की भागीदारी होगी। इसमें भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे।
जुड़ सकती है सपामुलायम के महागठबंधन से अलग होने के बाद इस बात की संभावना है कि मुलायम वामदलों के साथ हाथ मिलाकर बिहार विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। वामदलों से गठबंधन न होने पर मुलायम की सपा अकेले भी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। वामदल भी चाहते हैं कि मुलायम उनके गठबंधन का हिस्सा बनें। सूत्र बताते हंै कि सीताराम येचुरी ने मुलायम से फोन पर बात कर वामदलों के गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है।
लालू से रिश्तेदारी अलग, राजनीति अलगसपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने सोमवार को बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लडऩे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिश्तेदारी अलग है और राजनीति अलग। सीटों का बंटवारा हो रहा था तो लालू प्रसाद यादव ने क्यों नहीं कहा कि सपा को इतनी कम सीटें देना ठीक नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो मुलायम सिंह यादव के लिए महागठबंधन के नेता कसीदे पढ़ रहे थे लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के उम्मीदवारी की घोषणा हो गई तो राजद सुप्रीमो उनके गुणगान में लग गए।