जानकारी के मुताबिक, 28 जनवरी को एक अणे मार्ग स्थित सीएम नीतीश कुमार के आवास पर बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में जेडीयू के सभी सांसद, विधायक और पार्टी के तमाम पदाधिकारी भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर इस बड़ी बैठक में शामिल नहीं होंगे। अगर पीके इस बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो राजनीति में इसे बड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीते दिनों प्रशांत किशोर द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से न सिर्फ पार्टी असहज महसूस कर रही है, बल्कि स्वयं नीतीश कुमार भी कई बार दुविधाजनक स्थिति झेल चुके हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर का बैठक से बाहर रहना जेडीयू और बिहार की राजनीति के लिए अहम बात होगी।
कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली में बीजेपी-जेडीयू के साथ चुनाव लड़ने से प्रशांत किशोर और पवन वर्मा नाराज चल रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली चुनाव के लिए जेडीयू के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी पीके और पवन वर्मा को शामिल नहीं किया गया है। जबकि, हाल ही में संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में पीके को काफी जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, बीते 22 और 23 जनवरी को राजगीर में जेडीयू का दो दिन का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, लेकिन उस शिविर से पीके गायब रहे। जबकि पिछली बार प्रशांत किशोर ने पार्टी वर्करों को प्रशिक्षित किया था। हालांकि, अभी तक खुलकर सच्चाई सामने नहीं आई है। लेकिन, प्रशांत किशोर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।