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लोकसभा 2019 : तो क्‍या 5 सीटों पर बिहार में लड़ेगी भाजपा चुनाव

locationनई दिल्लीPublished: Jun 06, 2018 09:53:36 pm

Submitted by:

Mazkoor

एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनका दल कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

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बिहार : जद-यू के बाद अब एलजेपी ने ठोंका 7 सीटों पर दावा, भाजपा के लिए बढ़ सकती है मुश्किलें

पटना : अभी लोकसभा चुनाव में करीब 8 महीने बाकी हैं, लेकिन चुनावी बिसात बिछने लगी है। महागठबंधन और एनडीए दोनों अभी से चुनावी में जुट गए हैं। यही वजह है कि तालमेल और सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों तरफ घमासान शुरू हो चुका है।
हाल ही में बिहार में एनडीए गठबंधन में खुद को बड़ा भाई बताने का ड्रामा चला। नीतीश कुमार ने पार्टी की मीटिंग कर यह घोषित करवा लिया कि वह बिहार में बड़ा भाई की भूमिका में होंगे और साथ में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से 25 सीटों पर लड़ने का दावा ठोंक दिया। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बिहार की कम से कम सात सीटों पर लड़ने का दावा किया है, साथ में यह भी कहा है कि इससे कम सीट पर वह हरगिज नहीं मानेगी। बिहार के इन दो दलों के अलावा बिहार में एनडीए में राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) भी है। वह भी कम से कम पिछली बार की तरह तीन सीटों पर दावा करेगी ही। ऐसे में लग रहा है कि बिहार में बीजेपी के लिए इन दलों को साथ लेकर चलने में मुश्किल पैदा हो सकती है।

एलजेपी ने ठोंका 7 सीटों पर दावा
राम विलास पासवान के भाई और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तथा नीतीश सरकार में पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनका दल कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इससे कम सीट पर तो कोई बात ही नहीं हो सकती है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भी इतने ही सीट पर लड़ी थी चुनाव
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एलजेपी ने 7, भाजपा ने 29 और आरएसएसपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। सात में छह सीट पर एलजेपी विजयी रही थी तो वहीं भाजपा को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

तब नीतीश नहीं थे साथ
बता दें कि 2014 में नीतीश कुमार एनडीए में नहीं थे। इस वजह से एलजेपी को सात और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 3 सीटें छोड़ने के बाद भी भाजपा 29 सीट पर चुनाव लड़ने में कामयाब रही थी। लेकिन इस बार नीतीश कुमार के साथ आने के बाद लगता है कि सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस सकता है। सभी दलों को साथ लेकर चलना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।

पुराने फॉर्मूले के आधार पर भाजपा के लिए बचेगी सिर्फ 5 सीट
अगर जद-यू के 25 सीट, एलजेपी के 7 सीट और आरएलएसपी के 3 सीट पर चुनाव लड़ने की मांग को स्‍वीकार कर लेती है तो इस हिसाब से कुल 40 लोकसभा सीट में से इन तीन दल कुल मिलाकर 35 सीटों पर अपने उम्‍मीदवार खड़े करेंगे, ऐसे में भाजपा के लिए सिर्फ 5 सीटें बचती है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि ऐसे में भाजपा कैसे अपने कुनबे में इन तीनों दलों को बचा कर रखेगी।

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