एलजेपी ने ठोंका 7 सीटों पर दावा
राम विलास पासवान के भाई और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तथा नीतीश सरकार में पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनका दल कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इससे कम सीट पर तो कोई बात ही नहीं हो सकती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भी इतने ही सीट पर लड़ी थी चुनाव
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एलजेपी ने 7, भाजपा ने 29 और आरएसएसपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। सात में छह सीट पर एलजेपी विजयी रही थी तो वहीं भाजपा को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
तब नीतीश नहीं थे साथ
बता दें कि 2014 में नीतीश कुमार एनडीए में नहीं थे। इस वजह से एलजेपी को सात और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 3 सीटें छोड़ने के बाद भी भाजपा 29 सीट पर चुनाव लड़ने में कामयाब रही थी। लेकिन इस बार नीतीश कुमार के साथ आने के बाद लगता है कि सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस सकता है। सभी दलों को साथ लेकर चलना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।
पुराने फॉर्मूले के आधार पर भाजपा के लिए बचेगी सिर्फ 5 सीट
अगर जद-यू के 25 सीट, एलजेपी के 7 सीट और आरएलएसपी के 3 सीट पर चुनाव लड़ने की मांग को स्वीकार कर लेती है तो इस हिसाब से कुल 40 लोकसभा सीट में से इन तीन दल कुल मिलाकर 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे, ऐसे में भाजपा के लिए सिर्फ 5 सीटें बचती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे में भाजपा कैसे अपने कुनबे में इन तीनों दलों को बचा कर रखेगी।