दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर काफी समय बाद एक साथ नजर आए। दोनों के साथ आते ही बिहार की सियासत गरमा गई है और कयासों के बाजार गर्म हो गए हैं। बिहार जेडीयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के लिए रणनीति बनाएंगे। एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में वशिष्ठ नारायण ने इशारों-इशरों में कहा कि पीके एक बार फिर जेडीयू के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और जब पार्टी 2020 में चुनाव में लगेगी तो स्वाभाविक है कि वह भी लगेंगे ही।
पढ़ें- महाराष्ट्र चुनाव: सीट शेयरिंग के मुद्दे पर फंसा पेंच, बीजेपी चाहती है शिवसेना से ज्यादा सीटें गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से प्रशांत किशोर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज चल रहे हैं। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के दौरान वो करीब-करीब साइड लाइन ही नजर आए। बीच में यह भी खबर आ रही थी कि पीके बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए काम करेंगे। हालांकि, वशिष्ठ नारायण के इशारे से साफ स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर की नाराजगी अब खत्म होने लगी है। लेकिन, इससे बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है। क्योंकि, चर्चा यह है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और जेडीयू एक बार फिर आरजेडी के साथ हाथ मिला सकती है।
पढ़ें- शिवसेना में शामिल हो सकती हैं पूर्व कांग्रेस नेता उर्मिला मातोंडकर, अटकलें तेज! अगर ऐसा होता है तो यकीनन भाजपा के लिए यह बुरी खबर है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब देखना यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति किस करवट बैठती है।