दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। एक के बाद एक नेता लोक जनशक्ति पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं। पहले सैंकड़ों छोटे-बड़े नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूत करते हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया। तो वहीं अब एक बार फिर से सैंकड़ों नेता पार्टी छोड़ अब भाजपा में शामिल होने वाले हैं।
चिराग पासवान के पास पिता की विरासत को बचाने की चुनौती, LJP के 208 नेता JDU में शामिल
बताया जा रहा है कि मंगलवार को एलजेपी के 200 से अधिक नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ये सभी नेता-कार्यकर्ता पश्चिमी चंपारण में भाजपा में शामिल होंगे। पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया में मिलन समारोह आयोजित किया गया है, जिसमें LJP के पांच प्रखंडों के अध्यक्ष तथा डेढ़ सौ से अधिक पंचायत अध्यक्ष भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। LJP के पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामनन्द चौरसिया, पूर्व उपाध्यक्ष राधेश्याम राय समेत करीब दो सौ से अधिक नेता-कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
बागी नेताओं ने पीएम मोदी पर जताया आस्था
बता दें कि इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से नाराज प्रदेश महासचिव व सीतामढ़ी के प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा और प्रदेश दलित सेना (Dalit Sena) के महासचिव रामेश्वर हाजरा समेत पश्चिम चंपारण के 30 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था
अब 200 से अधिक नेता पार्टी छोड़कर भजापा में शामिल होने जा रहे हैं। विश्वनाथ कुशवाहा ने आरोप लगाया कि चिराग पासवान कुछ लोगों के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं और पार्टी के अंदर लोकतंत्र कत्म हो चुका है। सभी बागी नेताओं ने पीएम मोदी के प्रति आस्था जताई है और ये कहा है कि वे भाजपा के साथ जुड़कर विकास के काम में सहभागी बनना चाहते हैं।
200 से अधिक नेता JDU में हो चुके हैं शामिल
आपको बतो दें कि इससे पहले पिछले महीने 18 फरवरी को एलजेपी के 200 से अधिक नेता-कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर जनता दल यूनिटेड में शामिल हुए थे। उस वक्त एलजेपी के 18 जिलाध्यक्ष व पांच प्रदेश महासचिव समेत 208 नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ली थी। इसके लिए पटना में मिलन समारोह आयोजित किया गया था वहीं इससे पहले जनवरी में भी 27 नेताओं ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी की हार पर चिराग पासवान बोले – एलजेपी के जनाधार का हुआ विस्तार
सभी बागी नेताओं ने आरोप लगाया है कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव से पहले उनसे वादा किया था कि 25 हजार सदस्यता बनाने वालों को टिकट दिया जाएगा, लेकिन बाद में पैसे लेकर दूसरों को टिकट दे दिया गया। अब इसको लेकर कुछ नेता चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी करने के बारे में विचार कर रहे हैं।