इन संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस की ओर से बजट सत्र के लिए व्हिप जारी करने की भी संभावना है। ताकि दलबदल कानून का उल्लंघन करने वाले विधायकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कार्रवाई की जा सके। हालांकि कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की चिंता नहीं है क्योंकि स्पीकर उसी पार्टी के हैं और वे ऐसे वोटों को दरकिनार कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि भाजपा की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। फिलहाल जेडीएस-कांग्रेस के पास 118 विधायक हैं जिनमें चार बागी बताए जा रहे हैं। एक विधायक गणेश कुछ दिन के लिए निलंबित किए गए हैं। कांग्रेस को इन पांच विधायकों के वोट की उम्मीद भी नहीं है। इसलिए उसका संख्याबल 113 है। यह संख्या कुल विधायकों का आधा है क्योंकि कर्नाटक एसेंबली में 226 विधायक हैं। सरकार चलाने के लिए जेडीएस-कांग्रेस को एक और संख्या चाहिए होगी।
जानकारी ये भी है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर फरवरी के पहले हफ्ते में बैठक हो सकती है। दोनों पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर बात फंसी है जिस कारण विधायक बागी बताए जा रहे हैं। सीट शेयरिंग पर चर्चा की जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ***** राव ने दी। राव ने कहा है कि तारीख निश्चित हो गई है। हम जल्द सीट शेयरिंग फार्मूले का खुलासा कर देंगे। बताया जा रहा है कि फरवरी के पहले सप्ताह में इस फार्मूले का खुलासा हा सकता है।