नायर ने हालांकि किसी भी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने की बात से इनकार किया है, जो मुख्य रूप से औरंगाबाद गांव में रहता है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं मतदाताओं को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहा हूं कि अगर मैं निर्वाचित हो जाता हूं तो मैं एक सेवक की तरह उनकी सेवा करूंगा। कांग्रेस उम्मीदवार उदय भान, जो फिर से चुनाव जीतने की जुगत में हैं, उन्होंने नायर के इस अंदाज में वोट मांगने को नाटक करार दिया और कहा कि वह कई कारणों से कड़े विरोध का सामना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पहले हसनपुर के रूप में जाना जाने वाले निर्वाचन क्षेत्र का नाम 2009 में होडल रखा गया। 2014 के विधानसभा चुनाव में, पलवल जिले की सभी तीन सीटें, जिनमें होडल भी शामिल था, भाजपा के अलावा अन्य दलों द्वारा जीती गई थी। बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं का अभाव, इसके अलावा अपर्याप्त शैक्षणिक और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा सभी गांवों और कस्बों में आक्रोश का आम कारण है।