हंस राज हंस गायक से राजनेता बने हैं। पद्मश्री सम्मान प्राप्त हंसराज हंस गैर फिल्मी पंजाबी लोक संगीत और सूफी संगीत के मशहूर गायक हैं। वर्ष 2009 में हंसराज हंस ने शिरोमणि अकाली दल पार्टी जॉइन की थी और पंजाब में जालंधर से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 18 दिसंबर 2014 को उन्होंने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दिया और फरवरी 2016 में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। इसके बाद 10 दिसंबर 2016 को ही उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का हाथ पकड़ लिया था।
जरूर पढ़ेंः वो 10 राजनेता जो आजतक कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं हारे इससे पहले सोमवार देर रात भाजपा ने दिल्ली की दो और लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। इनमें हाल ही राजनीति की पिच पर उतरे टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर
गौतम गंभीर को भाजपा ने पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया। जबकि इस सीट के मौजूदा सांसद महेश गिरी का पत्ता काट दिया। वहीं, तमाम उहापोह के बाद आखिरकार मीनाक्षी लेखी को पार्टी ने
नई दिल्ली से दोबारा उम्मीदवार बनाया।
तमाम अटकलों पर विराम लगाने के बाद गौतम गंभीर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि गौतम गंभीर नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मीनाक्षी लेखी यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुईं। इसके बाद पार्टी ने सोमवार को गंभीर को पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बना दिया।
हालांकि दिलचस्प बात है कि भाजपा ने गौतम गंभीर की उम्मीदवारी के लिए पूर्वी दिल्ली से अपने सिटिंग एमपी महेश गिरी का पत्ता काट दिया। 2014 लोकसभा चुनाव में महेश गिरी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को 90 हजार से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी थी। श्री श्री रविशंकर के शिष्य और आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े महेश गिरी आध्यात्मिक संगठन से जुड़े रहकर भी सामाजिक कार्यों में बढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं।
अगर ऐसा हो तो शायद वाराणसी से मोदी के खिलाफ उतर सकती हैं प्रियंका! नई दिल्ली से पार्टी की प्रत्याशी मीनाक्षी लेखी फायरब्रांड नेता मानी जाती हैं। पेशे से वकील लेखी ने 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन को और आम आदमी पार्टी के अजय खेतान को करारी शिकस्त दी थी।
वहीं, सोमवार को उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट से सांसद उदित राज ने खुद का नाम घोषित नहीं किए जाने पर अपने गुस्से का इजहार किया था। उदित ने खुद को सबसे बड़ा दलित नेता बताते हुए ट्वीट भी किया था, “मैंने अपनी पार्टी विलय की, पूरे देश से मेरे करोड़ों समर्थक मेरी टिकट को लेकर बेचैन हैं। उत्तर पश्चिम दिल्ली से मेरा नाम अभी तक घोषित नहीं किया। मेरे समर्थकों ने आज शाम 4 बजे तक इंतजार करने को कहा है। आखिर में मैं बीजेपी से उम्मीद करता हूं कि वह दलितों को धोखा नहीं देगी।”
लोकसभा चुनाव 2019: इन 7 सीटों पर है दिलचस्प मुकाबला, आपको होनी चाहिए जानकारी उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “अमित शाह जी आपसे कई बार बात करने की कोशिश की sms भी भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात करने की कोशिश की। मनोज तिवारी लगातार कहते रहे है कि टिकट मेरा ही होगा। निर्मला सीतारमण भी कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी और अरुण जेटली से भी आग्रह किया।”
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली की सीटों पर नामांकन की आखिरी तारीख है। दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीटे हैं और आगामी 12 मई को यहां पर छठे चरण का मतदान होना है। भाजपा ने चांदनी चौक लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी, पश्चिमी दिल्ली से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश और दक्षिण दिल्ली से गुर्जर नेता रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है।
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