शहजादी सैयद देंगी ओवैसी को चुनौती आगामी चुनाव अकबरुद्दीन को हराने के लिए भाजपा ने एक खास योजना बनाई है। भाजपा ने इस सीट से मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता शहजादी सैयद को टिकट दिया है। इस सीट को एआईएमआईएम का गढ़ माना जाता है। भाजपा ने जैसे ही इसकी घोषणा की, वैसे ही एक नई सियासत शुरू हो गई। ज्यादातर लोगों का कहना है कि 26 साल की शहजादी सैयद के लिए यहां जीत हासिल कर पाना मुश्किल होगा। वहीं, सैयद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले मुस्लिम बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अब धर्म से आगे बढ़ गए हैं और वह रोजगार और विकास के लिए वोट करेंगे। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम पिछले कुछ दशकों में नौकरी और विकास देने में असफल रही है। मेरे जीतने के अच्छे अवसर हैं।
विद्यार्थी परिषद की सदस्य रह चुकी हैं सैयद आपको बता दें कि सैयद ने ओसमानिया विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट किया है। वह मूलरूप से अदिलाबाद की रहने वाली हैं। साल 2014 में वे हैदराबाद आई थीं। वे कहती है कि साल 2009 में अलग राज्य की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन के बाद से छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं। शाहजादी ने कहा कि उन्हें लगता है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सबसे अधिक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक छात्र संगठन है। उन्होंने बताया कि वे ABVP के कई पदों पर रह चुकी हैं और संगठन की राष्ट्रवाद की भावना से काफी प्रभावित हैं। अब देखना यह होगा कि AIMIM भाजपा के इस चक्रव्यूह में फंसता है या फिर उसकी नैया पार लगती है।