scriptनरोदा पाटिया जनसंहार केस: माया कोडनानी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में बीजेपी | BJP is ready to give Maya Kodnani active role in party | Patrika News

नरोदा पाटिया जनसंहार केस: माया कोडनानी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में बीजेपी

locationनई दिल्लीPublished: Apr 21, 2018 05:39:27 pm

Submitted by:

Mohit sharma

भारतीय जनता पार्टी की गुजरात युनिट एक बार फिर माया कोडनानी को सक्रिय राजनीति में लाने की उत्सुकता दिखाई है।

BJP

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की गुजरात युनिट ने एक बार माया फिर कोडनानी को सक्रिय राजनीति में लाने की उत्सुकता दिखाई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने नरोदा पाटिया जनसंहार केस में कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी अपनी जरूरत के हिसाब से कोडनानी का इस्तेमाल करेगी। जीतू वाघाणी ने कहा वह कल भी पार्टी की वर्कर थीं, आज भी है और आगे भी रहेंगी। वह हमेशा सक्रिया कार्यकर्ता की तरह काम करती हैं और पार्टी अन्य कार्यकर्ताओं की तरह उनकी ईच्छा के हिसाब से उनको जिम्मेदारी सौंपेगी। राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी कहा है कि कोडनानी को पार्टी में उनकी इच्छा के हिसाब से जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोडनानी को केस में गलत तरीके से शामिल कर लिया गया था।

नरोदा पाटिया जनसंहार

गुजरात उच्च न्यायालय ने वर्ष 2002 के बहुचर्चित नरोदा पाटिया जनसंहार मामले में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अदालत ने हालांकि बजरंग दल के कार्यकर्ता बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा है। छह वर्ष पहले निचली अदालत ने इस जनसंहार के लिए गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए 28 वर्ष की सजा सुनाई थी। इस घटना में 97 लोगों की मौत हुई थी। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए.एस. सुपेहिया की खंड पीठ ने माया को बरी करते हुए कहा कि अपराध स्थल पर उनके मौजूद होने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। भारी भीड़ ने कुछ घंटों तक लोगों का अंधाधुंध कत्लेआम किया था। वर्ष 2012 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की एक अदालत ने कहा था कि ‘उचित संदेह से परे’ माया कोडनानी घटनास्थल पर मौजूद थीं, जहां उन्मादी भीड़ ने मुस्लिमों पर हमला कर अपराध को अंजाम दिया था। माया पेशे से डॉक्टर हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सितंबर, 2017 को अपने बयान में कहा था कि उन्होंने माया को 28 फरवरी, 2002 (घटना के दिन) को विधानसभा में पहली बार साढ़े आठ बजे और एक बार फिर पूर्वाह्न् 11 बजे देखा था।

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो