मामले में बेनजीर ने कहा कि वे 2012 से पार्टी से जुड़ी हैं। गुरुवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने उन्हें पार्टी से निकालते हुए उनका सस्पेंसन लेटर उन्हें वाट्सएप पर भेजा। उन्होंने बताया कि उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में एक बैठक में हिस्सा लिया। जिस वजह से उनको पार्टी से निकाल दिया गया।
उन्होंने बताया कि लेटर में लिखा था कि आपने दूसरी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया। जिस वजह से आपको पार्टी से निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के बहाने मेरे खिलाफ राजनीति की जा रही है, जिसकी शिकायत वे पार्टी हाईकमान से करेंगी।
कौन है रोहिंग्या मुसलमान?
इतिहासकारों के मुताबिक रोहिंग्या समुदाय 15वीं सदी में म्यांमार के रखाइन इलाके में आकर बस गया था। उस इलाके में बौद्ध समुदाय बहुसंख्यक हैं, जिन्होंने आज तक रोहिंग्या मुसलमानों को नहीं अपनाया। साल 2012 में रोहिंग्या और बौद्धों के बीच से रखाइन इलाके में हिंसा हुई थी। तब से रोहिंग्या समुदाय का पलायन बढ़ गया है। म्यांमार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानता है। यूएन के मुताबिक 10 लाख के करीब रोहिंग्या बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान समेत अन्य पूर्वी एशियाई देशों में शरण लिए हुए हैं।
इतिहासकारों के मुताबिक रोहिंग्या समुदाय 15वीं सदी में म्यांमार के रखाइन इलाके में आकर बस गया था। उस इलाके में बौद्ध समुदाय बहुसंख्यक हैं, जिन्होंने आज तक रोहिंग्या मुसलमानों को नहीं अपनाया। साल 2012 में रोहिंग्या और बौद्धों के बीच से रखाइन इलाके में हिंसा हुई थी। तब से रोहिंग्या समुदाय का पलायन बढ़ गया है। म्यांमार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानता है। यूएन के मुताबिक 10 लाख के करीब रोहिंग्या बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान समेत अन्य पूर्वी एशियाई देशों में शरण लिए हुए हैं।
खुफिया रिपोर्ट ने बढ़ाई सरकार की चिंता
आमतौर पर रोहिंग्या समुदाय के लोग बहुत ही गरीब होते हैं। इस वजह से आतंकी संगठन रोहिंग्या समुदाय के युवाओं को बहला-फुसला कर अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं। सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट मिली थी कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका रोहिंग्या समुदाय के युवकों को अपने चंगुल में फंसाना चाह रहे हैं। ऐसे में सरकार की चिंता रोहिंग्या को लेकर बढ़ गई है।
आमतौर पर रोहिंग्या समुदाय के लोग बहुत ही गरीब होते हैं। इस वजह से आतंकी संगठन रोहिंग्या समुदाय के युवाओं को बहला-फुसला कर अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं। सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट मिली थी कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका रोहिंग्या समुदाय के युवकों को अपने चंगुल में फंसाना चाह रहे हैं। ऐसे में सरकार की चिंता रोहिंग्या को लेकर बढ़ गई है।