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जल्द ही खुले में शौच मुक्त हो जाएगा कुचामन ब्लॉक

locationनागौरPublished: May 07, 2017 01:21:00 pm

Submitted by:

​babulal tak

कुचामन ब्लॉक खुले में शौच मुक्त के तमगे के करीब पहुंच गया है। जल्द ही पूरा ब्लॉक ओडीएफ हो जाएगा। जानकारी के अनुसार कुचामन ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त होने की कगार पर पहुंच गया है।

पंचायत समिति सूत्रों के अनुसार ब्लॉक की 27 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो गई है। अब चार ग्राम पंचायतें ही ऐसी है, जो खुले में शौच से मुक्त नहीं हुई है। इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े कर्मचारी पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। उनका दावा है कि 31 मई तक कुचामन ब्लॉक को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि स्वच्छ भारत अभियान में जिले में ब्लॉक की पहले से ही अच्छी स्थिति चल रही है। अब ये स्थिति और बेहतर हो जाएगी। ब्लॉक की घाटवा व टोडास ग्राम पंचायत का ब्लॉक लेवल से सत्यापन हो गया है। जल्द ही जिला स्तर पर भी सत्यापन हो जाएगा। इसके बाद ये दो और पंचायतें ओडीएफ होने वाली ग्राम पंचायतों में शामिल हो जाएगी। 
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ये ग्राम पंचायतें हुई ओडीएफ
ब्लॉक की 31 ग्राम पंचायतों में से 27 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित हो गई है। इनमें आनंदपुरा, अडक़सर, भावंता, चारणवास, चावण्डिया, चितावा, दीपपुरा, हिराणी, हुडील, इण्डाणी, जीजोट, जिलिया, खारिया, खोरण्डी, कुकनवाली, लालास, मण्डावरा, नालोट, नगवाड़ा, पांचवा, परेवड़ी, प्रेमपुरा, रसाल, रूपपुरा, सरगोठ, शिव व उगरपुरा शामिल है।
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यह कब होगी?
ब्लॉक की चार ग्राम पंचायतें ऐसी है, जिनको ओडीएफ करने में प्रशासन को खूब मेहनत करनी पड़ रही है। इनमें घाटवा, नारायणपुरा, पलाड़ा व टोडास शामिल है। जानकारी के अनुसार पलाड़ा व नारायणपुरा ग्राम पंचायतों में कुछ परिवार रेवड़ लेकर जिले के बाहर चले जाते हैं। वे वर्ष में एक दो बार ही गांव आते हैं। इसके अलावा खुली जगह भी काफी ज्यादा है। इससे पूरे ग्राम पंचायत क्षेत्र में शौचालय नहीं बन पा रहे हैं।

कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में नहीं शौचालय
ओडीएफ होने से शेष रही ग्राम पंचायतों के अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय नहीं है। अभियान के तहत नियम है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यालयों में भी शौचालय होने चाहिए। नहीं तो ग्राम पंचायत ओडीएफ नहीं हो पाएगी।

तकनीकी खराबी से अटके भुगतान
इधर, शौचालय पूर्ण होने के बाद जिन लोगों ने बारह हजार रुपए की सहायता राशि के लिए आवेदन किया था। उनका भुगतान एक अपे्रल से शुरू की ई पंचायत व्यवस्था के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के कारण अटका हुआ है। तकनीकी खराबी के कारण 31 मार्च के बाद कोई भुगतान नहीं हुआ है। अब सॉफ्टवेयर की तकनीकी खामी दूर होने के बाद ही आवेदनकर्ताओं को भुगतान हो सकेगा। 
आखिर क्यों नहीं बनवा रहे
घर में शौचालय होना अच्छी बात है, लेकिन इसको कुछ लोग नहीं समझ रहे हैं। पंचायत समिति के कर्मचारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को शौचालय बनाने के लिए जागरूक किया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। ज्यादा कहने पर कुछ व्यक्ति आर्थिक स्थिति कमजोर होने की बात कहते हैं तो कुछ यहां तक भी कह देते हैं कि हमारे गांव में तो अभी खुली जगह बहुत है। इसके अलावा कहीं पानी की कमी की वजह से भी दिक्कत होने की बात सामने आ रही है।
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