दरअसल भारतीय जनता पार्टी के दो दिग्गज सांसद मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह के लिए केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग आखिरी इसलिए हो सकती है क्योंकि इन दोनों ही सांसदों का राज्यसभा का कार्यकाल कल यानी सात जुलाई को खत्म हो रहा है।
ऐसे में उनकी पार्टियों ने उन्हें दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा है। 7 जुलाई को कार्यकाल समाप्त होने के बाद छह महीने में सांसद के रूप में निर्वाचित नहीं होने पर दोनों मंत्री अपनी कैबिनेट सीटें खो देंगे।
यह भी पढ़ें – Vice Presidential Election 2022: 6 अगस्त को होगा उपराष्ट्रपति चुनाव, NDA की ओर से इन नामों की चल रही चर्चा
दोनों को नहीं भेजा राज्यसभा
बीजेपी ने जहां मुख्तार अब्बास नकवी को दोबारा राज्यसभा कैंडिडेट नहीं बनाकर उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी और भरोसेमंद रहे आरसीपी सिंह को भी जेडीयू ने राज्यसभा नहीं भेजा। ऐसे में दोनों के दोबारा सांसद बनने पर संशय बना हुआ है।
नकवी को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें
बीजेपी ने भले ही मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा के लिए दोबारा नहीं भेजा हो, लेकिन वे पार्टी के पुराने और अल्पसंख्य समुदाय में अच्छी पैठ रखने वाले नेता माने जाते हैं।
यही नहीं टीम मोदी में भी उन्होंने बिना विवादों के अब तक अच्छा काम किया है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि, बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है।
इसी तरह आरसीपी सिंह के जल्द ही औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। दरअसल बीजेपी नेताओं की ओर से तेलंगाना में उनका स्वागत करने की एक तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे कि आरसीपी सिंह जल्द बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
राष्ट्रपति की सिफारिश पर भेजे जा सकते हैं राज्यसभा
इन दोनों की सांसदों की सीटें राष्ट्रपति के नामांकन के बाद खाली हुई हैं। ऐसी अब तक कुल सात सीटें हैं। ऐसे में ये हो सकता है कि, राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों सांसदों को राष्ट्रपति की सिफारिश पर राज्यसभा भेजा जाए।
यह भी पढ़ें – राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता की बढ़ी चिंता, BJD ने BJP को समर्थन के दिए संकेत