इसी कड़ी में बीजेपी ने बिहार के रास्ते बंगाल को फतह करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। शाहनवाज हुसैन को मंत्री बनाना के पीछे बीजेपी की बड़ी चुनावी रणनीति है। भले ही बिहार बहाना है लेकिन बीजेपी के लिए अब सिर्फ बंगाल ही निशाना है।
मिशन गगनयान पर अंतरिक्ष यात्रियों को मिलेगा घर जैसा खाना, दो साल के प्रयोग के बाद तैयार हुई ये खास डिशेज बिहार के एनडीए सरकार में सैयद शाहनवाज हुसैन को उद्योग मंत्री बनाकर बीजेपी ने बड़ा संदेश दिया है। बीजेपी शाहनवाज हुसैन के जरिए पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के दरमियान मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश में पूरी तरह से जुट गई है।
ये है गणित
दरअसल पश्चिम बंगाल के 50 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में बीजेपी ने जीत के लिए मुस्लिम वोटरों को साधना शुरू कर दिया है। बंगाल में 30 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। कभी अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था इस लड़के में बहुत क्षमता है, इसे तो लोकसभा में होना चाहिए। वह लड़का कोई और नहीं शाहनवाज हुसैन हैं।
अब शाहनवाज हुसैन को बीजेपी ने बिहार सरकार में मंत्री बनवाया है।ताकि बीजेपी पर अल्पसंख्यकों को लेकर निशाना साधते रहे राजनीतिक दलों को जवाब दिया जा सके। आपको बता दें कि बीजेपी लगातार पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ताओं से संवाद में जुटी है। कार्यकर्ताओं की ऊर्जा ऐसे लगाई जा रही है जैसे किसी राज्य को युद्ध के जरिए जीतना हो।
जाहिर है बीजेपी को तमाम रणनीतियों पर पूरी ताकत के साथ उतरना होगा और यही वजह है कि पार्टी की राजनीति में हाशिए पर धकेले जा चुके शाहनवाज हुसैन अचानक महत्वपूर्ण हो गए। क्यों शाहनवाज जरूरी?
आपको बता दें कि शाहनवाज हुसैन का राजनैतिक ताल्लुक बिहार के सीमांचल से है। वो किशनगंज से सांसद रहे हैं और सीमांचल इलाके में होने वाली सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं।
अल्पसंख्यक संस्थानों, मदरसों और मस्जिदों में गहरी पैठ रखते हैं। यही वजह है कि इस समय शाहनवाज हुसैन बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो गए। दरअसल बंगाल के बड़े इलाके का बिहार के सीमांचल से गहरा नाता है।
बंगाल पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ स्टेज पर हुआ कुछ ऐसा कि देखकर हर कोई रह गया हैरान बंगाल के इन इलाकों में बिहार का असरआपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां बिहार का सीधा असर देखने को मिलता है। इनमें दक्षिण दिनाजपुर, उत्तरी दिनाजपुर, मालदा, रायगंज और 24 परगना के मुसलमानों की बड़ी आबादी है जो बिहार के सीमांचल से जुड़ी हुई है।
सीमांचल के समृद्ध मदरसों में वहां के मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं तो सीमांचल के समृद्ध मस्जिदों से इन इलाकों के गरीब मुसलमानों को मदद पहुंचती है।