18 राज्यों के सीएम-डिप्टी सीएम हुए शामिल
बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में 18 बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए थे। आपको बता दें कि देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ विपक्षियों ने भी अब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसी को लेकर बीजेपी ने हाल ही में 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की, जिसमें पार्टी के विधायकों, सांसदों और कई पदाधिकारियों को बुलाया गया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में पीएम मोदी और अमित शाह ने सभी को जीत का मंत्र दिया था।
बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में 18 बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए थे। आपको बता दें कि देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ विपक्षियों ने भी अब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसी को लेकर बीजेपी ने हाल ही में 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की, जिसमें पार्टी के विधायकों, सांसदों और कई पदाधिकारियों को बुलाया गया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में पीएम मोदी और अमित शाह ने सभी को जीत का मंत्र दिया था।
जन-जन तक जुड़ेगी पार्टी
अमित शाह के द्वारा सीएम और डिप्टी सीएम की मीटिंग में पार्टी के कई बड़े नेताओं ने फैसला किया कि बीजेपी गरीबों को सशक्त बनाने में उनकी सरकार द्वारा की गई योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करेगी, जिसमें स्वच्छ भारत अभियान , उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना जैसी अहम योजनाएं शामिल हैं। हालांकि इस मीटिंग का ब्यौरा अभी सामने नहीं आ सका है, लेकिन बताया जा रहा है कि अमित शाह ने पीएम मोदी की मंशा पर काम करते हुए सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन लक्ष्य तय करने की सोची है। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने उन राज्यों में पर ज्यादा जोर देने को कहा है, जिसमें अगले 1-2 सालों में चुनाव होने हैं। शाह ने कहा है कि सरकार की पहुंच देश के हर व्यक्ति तक होनी चाहिए, इसके लिए क्रियान्वयन ग्रास रुट लेवल तक काम किया जाए।
अमित शाह के द्वारा सीएम और डिप्टी सीएम की मीटिंग में पार्टी के कई बड़े नेताओं ने फैसला किया कि बीजेपी गरीबों को सशक्त बनाने में उनकी सरकार द्वारा की गई योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करेगी, जिसमें स्वच्छ भारत अभियान , उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना जैसी अहम योजनाएं शामिल हैं। हालांकि इस मीटिंग का ब्यौरा अभी सामने नहीं आ सका है, लेकिन बताया जा रहा है कि अमित शाह ने पीएम मोदी की मंशा पर काम करते हुए सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन लक्ष्य तय करने की सोची है। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने उन राज्यों में पर ज्यादा जोर देने को कहा है, जिसमें अगले 1-2 सालों में चुनाव होने हैं। शाह ने कहा है कि सरकार की पहुंच देश के हर व्यक्ति तक होनी चाहिए, इसके लिए क्रियान्वयन ग्रास रुट लेवल तक काम किया जाए।
शाह ने किया था कई राज्यों का दौरा
आपको बता दें कि 2019 की तैयारी के मद्देनजर ही अमित शाह ने हाल ही में देश के कई राज्यों का दौरा किया था, जिसमें केरल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश जैसे अहम राज्य शामिल थे। बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि अगस्त के बाद बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के साथ ये दूसरी मीटिंग थी, मीटिंग में ये तय किया गया कि केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जाए, जिससे की लोग पार्टी के साथ जुड़ें।
आपको बता दें कि 2019 की तैयारी के मद्देनजर ही अमित शाह ने हाल ही में देश के कई राज्यों का दौरा किया था, जिसमें केरल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश जैसे अहम राज्य शामिल थे। बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि अगस्त के बाद बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के साथ ये दूसरी मीटिंग थी, मीटिंग में ये तय किया गया कि केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जाए, जिससे की लोग पार्टी के साथ जुड़ें।
इन राज्यों के चुनाव पर भी है नजर
आपको बता दें कि ये बैठक इसलिए भी अहम थी, क्योंकी अगले कुछ महीनों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटका, राजस्थान, मध्यप्रेश और छत्तीसगढ़ जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें कर्नाटक और हिमाचल को छोड़कर सभी जगह बीजेपी की सरकार है। इन राज्यों में बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। पार्टी की कोशिश यही है कि जिन राज्यों में सरकार है वहां तो जीतना ही है, इसके अलावा कर्नाटक और हिमाचल में भी बीजेपी को जीतना है, जहां अभी कांग्रेस की सरकार है।
आपको बता दें कि ये बैठक इसलिए भी अहम थी, क्योंकी अगले कुछ महीनों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटका, राजस्थान, मध्यप्रेश और छत्तीसगढ़ जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें कर्नाटक और हिमाचल को छोड़कर सभी जगह बीजेपी की सरकार है। इन राज्यों में बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। पार्टी की कोशिश यही है कि जिन राज्यों में सरकार है वहां तो जीतना ही है, इसके अलावा कर्नाटक और हिमाचल में भी बीजेपी को जीतना है, जहां अभी कांग्रेस की सरकार है।