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रफाल डील: भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार, वाड्रा के करीबी संजय भंडारी को डील नहीं मिलने से विरोध

locationनई दिल्लीPublished: Sep 25, 2018 07:34:56 pm

Submitted by:

Prashant Jha

भाजपा ने आरोप लगाया कि हथियारों के दलाल संजय भंडारी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी मित्र हैं। भंडारी के घर हुई छापेमार कार्रवाई में कई अहम दस्तावेज मिले थे।

नई दिल्ली: रफाल विमान सौदे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मंगलवार को भाजपा ने रफाल डील पर विपक्ष की ओर से हो रहे हंगामे को लेकर काग्रेस पर बड़ा हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा के दोस्त संजय भंडारी को डील नहीं मिलने से इतना विरोध किया जा रहा है। हथियार सप्लायर संजय भंडारी रॉबर्ट वाड्रा के पुराने मित्र हैं। दोनों के बीच अच्छा कनेक्शन है। संजय भंडारी ने अगस्त 2012 में वाड्रा के लिए प्लेन टिकट कटवाए थे। संबित पात्रा ने कहा कि भंडारी हथियार का बहुत बड़ा दलाल हैं। संजय भंडारी के घर 2016 में छापे पड़े थे उस वक्त उनके घर से रफाल के दस्तावेज मिले थे।

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वाड्रा और भंडारी का लाभ चाहती कांग्रेस:

बीजेपी बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (यूपीए) के दौरान गांधी परिवार ने रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी संजय भंडारी को बड़ा लाभ देना चाहते थे। पिछली सरकार इनकी रक्षा व्यवसाय से जुड़ी कम्पनी को रफाल विमान सौदे में बिचौलिया बनाने की कोशिश में थी लेकिन यह सौदा रद्द हो गया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या हथियारों के व्यापारियों के व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए इस सौदे को रद्द किया जाना चाहिए।

कांग्रेस ने सीवीसी एफआईआर की मांग की

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने रफाल सौदे में कथित घपले को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस ने अयोग से जांच और प्राथमिकी (एफआईआर) के साथ-साथ सौदे से संबंधित जरूरी दस्तावेजों को जब्त करने की मांग की। कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे से राजकोष को भारी घाटा पहुंचा है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सीवीसी के.वी. चौधरी से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दावे के साथ कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सौदा करीब 300 फीसदी की बढ़ी कीमत पर किया गया है और सौदे में रक्षा प्रबंध नीति (डीपीपी) का उल्लंघन किया गया है।

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