बड़ी खबरः CAA और NRC में शामिल कुछ जरूरी नियमों का लेकर बड़ा खुलासा, सामने आई वो हकीकत जिसके बाद.. शनिवार शाम को भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा, “नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2003 में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की अपील की थी?”
नागरिकता संशोधन कानून से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर उन्होंने आगे कहा, “क्या कांग्रेस देश में आगजनी का और उपद्रव का समर्थन करती है? क्या एक प्रमुख विपक्षी दल इस विषय पर भारत के बाहर दूतावास पर प्रदर्शन करता है, क्या वो इस निति को उचित मानते हैं? भाजपा का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए अनेकों लोगों को नई आशा, विश्वास, सुरक्षा, आस्था, गरिमापूर्ण जीवन देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”
भूपेंद्र यादव ने कहा, “आज देश के 1,101 शिक्षाविदों ने अपने हस्ताक्षर के द्वारा इस कानून का समर्थन किया है। अनेकों विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में पत्र प्राप्त हुए हैं। विपक्ष द्वारा भ्रम और झूठ की राजनीति की जा रही है, उसका हम जवाब देंगे। हमारी पार्टी ने तय किया है कि आने वाले 10 दिनों में एक विशेष अभियान चलाकर घर-घर जाकर नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में 3 करोड़ से ज्यादा परिवार से संपर्क करेंगे।”
CAA: जानिए नागरिकता संशोधन कानून में विदेशी-स्वदेशी के लिए क्या हैं जरूरी नियम उन्होंने आगे बताया, “इस कानून के पक्ष में हर जिले में रैली और सभा करेंगे। 250 से ज्यादा स्थानों पर पार्टी पत्रकार वार्ता करेगी”
गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को इस कानून के लिए कनॉट प्लेस में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया था। आरएसएस ने लोगों के बीच इस नए नागरिकता कानून के बारे में जागरूकता फैलाने की बात कही थी।
प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा, जनता की आवाज दबाने के लिए देश में तानाशाही का तांडव आरएसएस के दिल्ली चैप्टर के प्रमुख भरत शर्मा ने कहा, “हम तीन-चार दिनों के अंदर देश में सौहार्द और शांति को वापस बहाल करेंगे। हम सभी घर-घर (डोर टू डोर) जाएंगे। हम सीएए के बारे में कम से कम 10 लोगों को बताएंगे और इस अधिनियम के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करेंगे। युवाओं तक पहुंचने के लिए भी एक अभियान शुरू किया जाएगा।”
एक आरएसएस कार्यकर्ता ने बताया, “लोगों को पहले समझना चाहिए कि सीएए क्या है। इस अधिनियम में किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ कुछ भी नहीं है।”