नागौर

डीडवाना में जल्द शुरू होगा ब्लड बैंक

पत्रिका अभियान का असर, औषधि नियंत्रण अधिकारी ने कोर्ट में दिया जवाब, पत्रिका अभियान के आधार पर उत्थान संस्थान ने लगाई थी जनहित याचिका

नागौरJan 14, 2018 / 06:28 pm

Sandeep Pandey

Blood Bank In Deedwana

डीडवाना. प्रदेश में सर्वाधिक रक्तदान करने वाले डीडवाना शहर में जल्द ही ब्लड बैंक शुरू होने की उम्मीद बंधी है। औषधि नियंत्रण अधिकारी नागौर ने कोर्ट में जवाब पेश करते हुए इस बात का आश्वासन दिया है।
विधिक जागरूकता को समर्पित स्वयंसेवी संगठन उत्थान विधिक सहायता सेवा संस्थान के अध्यक्ष सरवर खान की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने पत्रिका अभियान के आधार पर आम जनता की ओर से इस मुद्दे पर अदालत में याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका में बताया गया था कि डीडवाना शहर प्रदेशभर में रक्तदान करने के मामले में अव्वल है। यहां प्रतिवर्ष औसतन 10 से 12 रक्तदान शिविरों में लगभग 3 हजार यूनिट रक्तदान होता है। इसके बावजूद डीडवाना में ब्लड बैंक शुरू नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में ही यहां ब्लड बैंक की घोषणा कर दी। जिसके तहत ब्लड बैंक का भवन बनकर तैयार हो चुका है और आवश्यक मशीनरी भी उपलब्ध करवा दी गई है, लेकिन ब्लड बैंक का लाइसेंस जारी नहीं किया गया और स्टाफ भी नियुक्त नहीं किया गया। ब्लड बैंक शुरू नहीं होने के कारण यहां के मरीजोंं को आपात स्थिति में तुरंत रक्त नहीं मिल पाता और उनके परिजनों को जयपुर , अजमेर , नागौर या सुजानगढ़ जाकर रक्त लाना पड़ता है। जबकि डीडवाना के लोगों द्वारा दान किया गया सारा रक्त जयपुर, अजमेर, सीकर व सुजानगढ़ के ब्लड बैंकों में चला जाता है।
अधिवक्ता हैदर ने राजस्थान पत्रिका के ‘शुरू हो ब्लड बैंक’ शीर्षक से सिलसिलेवार अभियान के रूप में प्रकाशित खबरों को हवाला देते हुए अदालत से राज्य सरकार को तत्काल लाइसेंस जारी करने और स्टाफ की नियुक्ति करने के निर्देश देने का अनुरोध किया। जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव तथा औषधि नियंत्रक व औषधि नियंत्रण अधिकारी नागौर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। जिसकी अनुपालना में औषधि नियंत्रण अधिकारी नागौर ने जवाब प्रस्तुत कर कहा कि ब्लड बैंक में नियुक्तियां प्रक्रियाधीन है। इसके पूर्ण होने के उपरांत केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा नियमानुसार संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ब्लड बैंक लाइसेंस नियमानुसार जारी किया जाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

पत्रिका की खबरों का दिया हवाला
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 सितम्बर 2017 से ‘शुरू हो ब्लड बैंक’ शीर्षक से अभियान चलाया था। इस दौरान लगातार कई दिनों तक सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित कर ब्लड बैंक के प्रति सरकारी उदासीनता, रक्त की कमी से मरीजों को होने वाली दिक्कतों को उजागर किया गया था। साथ ही रक्त की बढ़ती मांग, अन्यत्र स्थानों से रक्त लाने में होने वाली परेशानियां, आपात स्थिति व गर्भवती महिलाओं को होने वाली दिक्कतों के साथ ही शहर में होने वाले रक्तदान शिविर, रक्तदान करने वाले लोगों के विचार भी प्रकाशित किए गए थे। अधिवक्ता हैदर ने राजस्थान पत्रिका के इस अभियान की खबरों का हवाला देते हुए अदालत से राज्य सरकार को तत्काल लाइसेंस जारी करने और स्टाफ की नियुक्ति करने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।

उम्मीद है, जल्द शुरू होगा ब्लड बैंक
राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में सार्थक अभियान चलाया, जिसके आधार पर हमने अदालत में यह याचिका पेश की। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। अब 29 जनवरी को मामले में फिर से सुनवाई होगी। उम्मीद है, सरकार जल्द ही ब्लड बैंक का लाइसेंस जारी कर और स्टाफ की नियुक्ति कर आम जनता को राहत देगी। – रजाक के. हैदर, एडवोकेट, राजस्थान हाईकोर्ट
अब तक नहीं मिला ब्लड बैंक का लाभ

राज्य सरकार ने डीडवाना में ब्लड बैंक की घोषणा तो कर दी, मगर दो साल बाद भी ब्लड बैंक शुरू नही ंहोना सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। ब्लड बैंक का लाइसेंस अब तक जारी नहीं हो पाया है और ना ही यहां स्टाफ की नियुक्ति हो पाई है। – सरवर खान, अध्यक्ष, उत्थान संस्थान

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