राजनीति

मीडिया ट्रायल था 1986 का बोफोर्स स्कैंडल: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी

उन्होंने कहाकि, इस मामले में अब भी यह तय होना है कि यह घोटाला था, किसी भी भारतीय अदालत ने ऎसा नहीं कहा

May 26, 2015 / 09:21 am

शक्ति सिंह

Pranab

नई दिल्ली। बोफोर्स मामले में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कहना है कि यह स्कैंडल मीडिया ट्रायल था। अपने स्वीडन दौरे से पहले मुखर्जी ने एक स्वीडिश अखबार को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया। उन्होंने कहाकि, सबसे बड़ी बात इस मामले में अब भी यह तय होना है कि यह घोटाला था। किसी भी भारतीय अदालत ने ऎसा नहीं कहा।

उन्होंने कहाकि, बोफोर्स मामले के बाद में रक्षामंत्री बना था और सभी जनरल ने कहा था कि भारतीय सेना के पास मौजूद यह सबसे बढिया तोप है। आज भी सेना इसे इस्तेमाल करती है। जिस तथाकथित घोटाले की आप बात कर रहे हैं, वह मीडिया में था। इसमें मीडिया ट्रायल हुआ।

यह पूछे जाने पर कि क्या बोफोर्स घोटाला सिर्फ मीडिया स्कैंडल था, राष्ट्रपति ने कहाकि, मैं नहीं जानता। मैं ऎसा नहीं कह रहा, आप ऎसा कह रहे हैं। ऎसा मत कहिए। मैं कह रहा हूं कि मीडिया में इसका प्रचार हुआ। लेकिन अभी तक किसी भारतीय अदालत ने इस कथित स्कैंडल पर निर्णायक फैसला नहीं दिया है।

गौरतलब है कि 1986 में भारत और स्वीडिश हथियार कंपनी बोफोर्स के बीच 285 मिलियन डॉलर का 155 मिमी हॉवित्जर तोप का सौदा हुआ था। स्वीडिश रेडियो ने आरोप लगाया था कि बोफोर्स ने भारत के आला नेताओं और रक्षा अधिकारियों को सौदे के लिए रिश्वत दी थी। इस सौदे के समय भारत में राजीव गांधी की सरकार थी और उसे तीन साल बाद आम चुनावों में हार झेलनी पड़ी थी। 

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