दरअसल राजस्थान सरकार ( Rajasthan govt ) ने यूपी सरकार को बसों का बिल ( Bus Bill ) थमाया। 36 लाख रुपए के इस बिल की गूंज सियासी गलियारों में भी सुनाई देने लगी हैं। इस बिल के बाद बसपा सुप्रीमो खुलकर बीजेपी ( BJP ) के सपोर्ट में आ गई और कांग्रेस पर जमकर बरसीं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट के जरिये कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘राजस्थान की कांग्रेसी सरकार की ओर से कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36-36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है वह उसकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है।’
मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए। माया ने दूसरे ट्वीट में सवालिया लहजे में कहा- ‘कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जिस तरह की राजनीतिक कर रही है यह कितना उचित और कितना मानवीय?’
इससे पहले भी मायावती कांग्रेस पर बस राजनीति को लेकर निशाना साध चुकी है। बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि कांग्रेस मजदूरों को ट्रेनों के जरिये अपने घरों तक पहुंचाए। दरअसल कांग्रेस के प्रवासी मजूदरों की चिंता ना तो बसपा और ना ही सपा को रास आ रही है। यही वजह है कि मायावती ने एक बार फिर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है।