नई दिल्ली। अपनी विदेश यात्राओं के लिए विवादों में रहने वाले पीएम मोदी के मंत्री भी अब दूसरे देशों की यात्रा करेंगे। साल के अंत तक मोदी सरकार के मंत्रियों को ज्यादा से ज्यादा विदेशी यात्राएं करने के निर्देश दिए गए हैं। मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री तीन महीने में करीब 68 देशों की यात्रा करेंगे। दूसरे देशों के साथ संपर्क और संवाद बढ़ाने की कोशिश में भारत ये यात्राएं दूसरे देशों के साथ भारत का संपर्क और संवाद बढ़ाने की एक पहल है। इसमें से ज्यादातर मंत्री अक्टूबर और नवंबर में ये यात्राएं पूरी कर लेंगे। उरी आतंकी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार दूसरे देशों के साथ अपना संवाद मजबूत करने का प्रयास तेज कर रही है। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए करीब 68 ऐसे देशों की पहचान की है जिनके साथ पिछले दो सालों में भारत का कोई उच्चस्तरीय अनुबंध नहीं हुआ है। यूं तो मोदी खुद भी लगातार विदेश यात्रा कर रहे हैं मगर इन छूटे हुए देशों की यात्रा करने का जिम्मा उन्होंने अपने कैबिनेट के मंत्रियों को दिया है। सुषमा स्वराज ने सभी कैबिनेट मंत्रियों को लिखा पत्र विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कैबिनेट मंत्रियों को जून से सितंबर के बीच पत्र जारी किए थे। इस सरकारी आदेश में मंत्रियों से इस साल के अंत तक इन देशों की यात्रा पूरी करने की बात कही गई थी। इन विदेश यात्राओं के लिए वहां के राजदूतों से संपर्क किया जाएगा। इन देशों के राजदूत मंत्रियों की मुलाकात अलग-अलग डेलिगेशन से करवाएंगे। सूत्रों के अनुसार ज्यादातर विदेशी दौरे अक्टूबर और नवंबर के बीच होने हैं। इन सभी देशों के दौरे पर जाएंगे कैबिनेट मंत्री गृहमंत्री राजनाथ सिंह को हंगरी, शहरी विकास मंत्री को डेनमार्क और आईलैंड, नितिन गडकरी नलामा और निकारगुआ, अनंत कुमार को टोंगो रिपिब्लिक, रवि शंकर प्रसार को एस्टोनिया और लातविया, रामविलास पासवान को मॉरिशियस, चौधरी बिरेनद्र सिंह को जर्मनी, मेनेका गांधी को रोमानिया और जुआल ओरम को बोस्टवाना की यात्रा करनी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने 60 से ज्यादा ऐसे देशों को चयनित किया है जहां पिछले दो सालों में कोई संपर्क नहीं हुआ है। अलग-अलग मंत्रियों को इन देशों में जाना है। मोदी सरकार का ट्रेवल बिल पहुंचा 317 करोड़ रुपए इस साल के अंत तक भारत 192 यूएन देशों तक पहुंचना चाहता है। विदेशी दौरे करने के लिए भाजपा सरकार को कई बार विपक्ष घेरता रहता है। सरकारी आंकडे बताते हैं कि पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद पहले साल ही 317 करोड़ रुपए का ट्रेवल बिल था। ये ट्रेवल बिल कांग्रेस की सरकार के ट्रेवल बिल से करीब 59 करोड़ रुपए ज्यादा है। इस बिल में पीए मोदी के विदेशी दौरों के साथ ही कैबिनेट मंत्रियों की विदेशी यात्राएं भी शामिल है।