दूसरी ओर दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने वाले विज्ञापनों पर 1500 करोड़ रुपये का खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली सरकार इस धनराशि से किसानों की सहायता नहीं कर सकती थी।
इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पहले दिल्ली सरकार बताए कि सीपीसी के आदेशों का कितना पालन किया गया। केन्द्र सरकार ने किसानों को 1100 करोड़ रुपये दिए आपने क्या दिया।
हमने 22 लाख किसानों को 40 हजार मशीन दी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ विज्ञापन पर 1500 करोड़ रुपये फालतू खर्च कर दिए। इस धनराशि को विज्ञापन की जगह प्रदूषण पर खर्च करते या फिर किसानों को दे देते तो प्रदूषण कम होता।
इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हर चीज के लिए सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार नहीं है। सरकार सिर्फ प्रतिनिधि है, हम सभी को खुद भी इन सब चीजों की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण से पूरे देश के सम्मान पर असर पड़ता है। इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर खास ध्यान देना चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर ऑड-ईवन योजना आज सुबहसे शुरू हो गई। इस योजना को प्रसारित करने के लिए दिल्ली सरकार ने भारी-भरकम रकम खर्च की है। केजरीवाल सरकार का मानना है कि ऑड-ईवन से दिल्ली के प्रदूषण को कम किया जा सकता है।