संविधान बचाओ अभियान: राहुल गांधी को है कांग्रेस से दूर हो गए दलितों की चिंता पांचवें जज होते दीपक मिश्रा
अगर आज उपराष्ट्रपति कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा महाभियोग का सामना करने वाले पांचवे जज होंगे। बतौर चीफ जस्टिस इतिहास में उनका नाम पहला होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बदले की भावना पर आधारित कांग्रेस का प्रस्ताव अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। उपराष्ट्रपति के इस निर्णय से अब दीपक मिश्रा पहले की तरह न्यायिक और प्रशासनिक काम ? करते रहेंगे। रविवार को कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि जब तक महाभियोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक के लिए चीफ जस्टिस को न्यायिक और प्रशासनिक कार्य छोड़ देना चाहिए। उसके बाद से उनके ऊपर इस बात का दबाव बढ़ गया था कि क्या उन्हें न्यायिक काम पहले की तरह करते रहना चाहिए।
अगर आज उपराष्ट्रपति कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा महाभियोग का सामना करने वाले पांचवे जज होंगे। बतौर चीफ जस्टिस इतिहास में उनका नाम पहला होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बदले की भावना पर आधारित कांग्रेस का प्रस्ताव अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। उपराष्ट्रपति के इस निर्णय से अब दीपक मिश्रा पहले की तरह न्यायिक और प्रशासनिक काम ? करते रहेंगे। रविवार को कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि जब तक महाभियोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक के लिए चीफ जस्टिस को न्यायिक और प्रशासनिक कार्य छोड़ देना चाहिए। उसके बाद से उनके ऊपर इस बात का दबाव बढ़ गया था कि क्या उन्हें न्यायिक काम पहले की तरह करते रहना चाहिए।
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वरिष्ठ एडवोकेट और न्यायविद फली एस नरीमन ने इसे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का भयानक काला दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव लाकर एक गलत नजीर पेश की है। उन्होंने कहा कि इससे न्यायिक प्रणाली पर से न केवल जनता का विश्वास कम होता बल्कि इससे सत्तारूढ़ पार्टी भी इस रास्ते पर चल सकती है कि जिस जज का कोई निर्णय पसंद न आए, उसके खिलाफ ऐसा ही कदम उठाए। यह भयावह काला दिन है। आपके पास यदि कोई पुख्ता सबूत है तो उसे पेश करें। किसी चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए असाधारण महत्वपूर्ण आधार होने चाहिए।
वरिष्ठ एडवोकेट और न्यायविद फली एस नरीमन ने इसे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का भयानक काला दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव लाकर एक गलत नजीर पेश की है। उन्होंने कहा कि इससे न्यायिक प्रणाली पर से न केवल जनता का विश्वास कम होता बल्कि इससे सत्तारूढ़ पार्टी भी इस रास्ते पर चल सकती है कि जिस जज का कोई निर्णय पसंद न आए, उसके खिलाफ ऐसा ही कदम उठाए। यह भयावह काला दिन है। आपके पास यदि कोई पुख्ता सबूत है तो उसे पेश करें। किसी चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए असाधारण महत्वपूर्ण आधार होने चाहिए।