चिदंबरम ने कहा, मैं सरकार से कानूनी विभाग की राय लेने की चुनौती देता हूं। मैं सरकार से अटॉर्नी जनरल को सवालों के जवाब देने के लिए आमंत्रित करने की चुनौती देता हूं। संविधान का एक हिस्सा इन घातक लोगों द्वारा लूटा जा रहा है और ध्वस्त किया जा रहा है।
No data to display. राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भारत के पास नागरिकता अधिनियम है। यह जन्म से नागरिकता, वंश द्वारा नागरिकता, पंजीकरण द्वारा नागरिकता, प्राकृतिकीकरण द्वारा नागरिकता और क्षेत्र के समावेश द्वारा नागरिकता को मान्यता देता है और ये सार्वभौमिक सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि अब यह सरकार एक नई श्रेणी की शुरूआत कर रही है।
उन्होंने कहा कि मैं इस संसद से सरकार का विरोध करने के लिए कह रहा हूं, क्योंकि यह असंवैधानिक कदम है। चिदंबरम ने कहा कि सांसद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं और उनकी यह जिम्मेदारी है कि उन्हें उसी विधेयक को पारित करना चाहिए, जो संवैधानिक हो।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सभी वकील नहीं हैं, मगर वास्तव में हम सभी को वकील होना चाहिए, ताकि हमारे अंदर वह ज्ञान और संवाद हो, ताकि हम देख सकें कि क्या संवैधानिक है और क्या नहीं।
वहीं, राज्यसभा सांसदों द्वारा विधेयक को लेकर की जा रही वोटिंग के दौरान सदन से बाहर जाने पर चिदंबरम ने कहा, शिवसेना ने लोकसभा में मतदान के बाद विधेयक के लिए मतदान नहीं किया, यह एक स्वागत योग्य बात है।