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Citizenship Ammendment Bill: बगावत पर उतरे प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार को दी नसीहत, 2015 में मिले वोटों को याद कीजिए

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2019 12:07:17 pm

Submitted by:

Dhirendra

प्रशांत किशोर अपने बयान पर अडिग
पार्टी विरोधी बयान वापस लेने को तैयार नहीं
जेडीयू अध्‍यक्ष ने अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी

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नई दिल्‍ली। जनता दल यूनाईटेड ( JDU ) द्वारा नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के बाद से पार्टी के अंदर इस मुद्दे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिल का समर्थन देने के बाद अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि यह विधेयक भेदभाव पर आधारित हैा इस पर जेडीयू अध्‍यक्ष ने अनुशासनहीनता से बचने की सलाह दी थी।
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प्रशांत किशोर ने CAB बिल पर जेडीयू के समर्थन पर कहा कि सच्चाई यह है कि पार्टी ने एनआरसी का भी समर्थन कर दिया है। जबकि यह धर्म के आधार पर लोगों के साथ व्यवस्थित रूप से भेदभाव है। नागरिक संशोधन बिल एक ऐसा हथियार है जिसका इस्‍तेमाल विरोधी पक्ष पर मुकदमा चलाने और अन्‍य मकसद से किया जा सकता है।
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उनके इस बयान का जेडीयू के कई नेताओं ने समर्थन भी किया और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से दोबारा इसपर विचार करने की बात भी कही।

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जेडीयू अध्‍यक्ष वीएन सिंह ने दी चेतावनी
दूसरी तरफ जेडीयू के वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा समेत कई लोगों के अलग रुख पर कहा कि इस बारे में हमलोग जानकारी लेगें। नीतीश कुमार के व्यक्तित्व और नेतृत्व पर कोई सवाल सवाल नहीं है। कई दलों में लोग अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन अगर हर मुद्दे पर अलग राय रहेगा तो पार्टी सोचेगी।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मामले में पार्टी का स्टैंड साफ है और हमें कोई संदेह नहीं है।
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जब पार्टी का लाइन है तय तो फिर किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति के अलग स्टैंड का कोई मतलब नहीं है। अधिकृत राय वही है जो लोकसभा में राजीव रंजन सिंह ने रखा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी लाइन से अलग हटकर बोलने वालों के बयान उनके निजी हो सकते हैं, पार्टी का इससे कोई लेना -देना नहीं है।
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उन्होंने ऐसे नेताओं के बारे में कहा कि पार्टी के निर्णयों पर सवाल उठाने से पहले पार्टी फोरम में गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती है और वहां पर ही पीके को अपनी बात रखनी चाहए थेा

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