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पंजाब के लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए सीएम अमरिंदर ने पड़ोसी राज्‍यों से मांगा सहयोग

Published: Jul 20, 2018 08:38:35 am

केंद्र सरकार भी नशे की लत के खिलाफ राष्‍ट्रव्‍यापी नीति बनाए तो लोगों को इससे छुटकारा दिलाना संभव है।
 

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पंजाब के लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए सीएम अमरिंदर ने पड़ोसी राज्‍यों से मांगा सहयोग

नई दिल्‍ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जब से सत्‍ता में वापसी की है तभी से नशे की लत के खिलाफ सख्त रूख अपनाए हुए हैं। डेढ़ साल तक पंजाब के लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने को लेकर जोरदार मुहिम चलाने के बाद भी इस पर नकेल कस पाना उनके लिए संभव नहीं हो पाया है। अब नशे पर अंतिम रूप से कारगर प्रहार करने के लिए उन्‍होंने पड़ोसी राज्‍यों से सहयोग की अपील की है। उनका कहना है कि पंजाब के लोगों को इससे मुक्ति दिलाना तभी संभव है जब इस नेक काम में पड़ोसी राज्‍य भी हमारा सहयोग करें।
उत्‍पादन और तस्‍करी दोनों पर लगे लगाम
सीएम अमरिंदर सिंह ने नशे के खिलाफ जारी अभियान में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से इस मामले में सहयोग की अपील की है। उन्‍होंने तीनों राज्‍यों के गृहमंत्रियों और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इस बाबत पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्‍होंने प्रदेश में नारकोटिक्स के उत्पादन और तस्करी पर नियंत्रण के लिए हर संभव सहयोग मांगा है। उन्‍होंने कहा कि पंजाब के लोगों को इससे छुटकारा दिलाने के लिए आप लोगों का सहयोग हमारे लिए जरूरी है।
केंद्र सरकार भी बनाए प्रभावी नीति
आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री मानते हैं कि प्रदेश में नशाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। यही कारण है कि पंजाब सरकार प्रदेश में नशा करने वालों, नशा बेचने और तस्करी की गतिविधियों में लिप्त लोगों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नए कानून भी बनाए गए हैं। साथ ही पुराने कानूनों में संशोधन भी किया गया है। इसके अलावा पिछले डेढ़ साल से नारकोटिक्‍स के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुहिम जारी है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर राष्ट्रीय नीति बनाने की भी अपील की है। उन्होंने ने कहा कि नशे की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर नीति बनाने की जरूरत है। ये बात सही है कि इसकी लत से पंजाब सबसे ज्‍यादा प्रभावित है लेकिन यह समस्‍या हर राज्‍य में किसी न किसी रूप में व्‍याप्‍त है।

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