अगर जेडीएस के विधायकों की बात मानें तो कुमारस्वामी ने गंठबंधन की सरकार बनने के बाद से जेडीएस के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया। विधायकों ने मीडिया को अनौपचारिक रूप से दी जानकारी में बताया कि कांग्रेस के नेता उनसे वह सब कुछ करने के लिए मजबूर कर रहे हैं जो उनके पक्ष में है और इसे मानने के अलावा उनके पास कोई अन्य विकल्प भी नहीं है। कुमारस्वामी ने बताया कि वह बहुत दबाव में काम कर रहे हैं और कांग्रेस के नेता हमेशा उम्मीद करते हैं कि वे उनका कहना माने। सीएम के साथ हुई बैठक में मौजूद रहे इस एक विधायक ने कहा कि वह बातचीत में दुखी और भावुक हो गए। हमें बताया गया है कि कांग्रेस उनपर दबाव बना रही है और उन्हें हर तरह के आदेशों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्हें मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए भी मजबूर किया गया और यहां तक कि उनकी मंजूरी के बिना सरकार नियंत्रित बोर्ड और निगमों के लिए अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए गए। जेडीएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने विधायकों को आश्वासन दिया कि वे गठबंधन के खिलाफ तब तक कुछ नहीं करेंगे जब तक बेहद महत्वपूर्ण संसदीय चुनाव खत्म नहीं हो जाते है।
जेडीएस सुप्रीमो देवगौड़ा ने उन्हें बताया कि वह कर्नाटक से कम से कम आधा दर्जन लोकसभा सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और वे कोई भी ऐसा कदम उठाकर पार्टी की संभावनाओं को खतरे में नहीं डाल सकते। पार्टी के एक नेता के अमुसार कुमारस्वामी के बड़े भाई और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर एचडी रेवन्ना ने लोकसभा चुनाव तक उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलने का वादा किया है। कांग्रेस विधायक डॉ के सुधाकर द्वारा कुछ जेडीएस मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाने से भी गौड़ा परिवार कांग्रेस से नाराज हैं। गौड़ा को इस चुनाव में कांग्रेस से 12 लोकसभा सीटों की उम्मीद है। बता दें कि बीते साल मई में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जेडीएस ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था।