सीएम पेमा खांडू ने देश की जनता को भी भरोसा दिलाया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उनसे जब एक कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश को चीन के खतरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘वैसे तो इस मसले पर विदेश मंत्रालय को जवाब देना चाहिए, लेकिन एक अरुणाचली होने के नाते मैं यही कहूंगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि आज हर एक अरुणाचली के अंदर ऐसी ही भावना है कि वो सबसे पहले भारतीय है।
एम पेमा खांडू ने कहा कि आज भारत आर्थिक, रणीनतिक और सामरिक दृष्टि से चीन के बराबर आ खड़ा हुआ है। ये बात चीन के हुक्मरानों को भी समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जमाना बदल गया है। मुझे भी लगता है कि चीन की सरकार सोचेगी कि अब लड़ाई से कुछ होने वाला नहीं है। दोनों बड़े देश हैं और दोनों की शक्ति बराबर हैं। दोनों को मिलकर सीमा विवाद का समाधान निकालना चाहिए और बिजनेस रिलेशन को आगे बढ़ाना चाहिए। पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश की समस्याओं की ओर देश का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में अभी मीडिया के फोकस में नहीं है। नेशनल मीडिया आज भी गुवाहाटी तक सीमित रहती है और इसके चलते नॉर्थ ईस्ट को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया अरुणाचल पर भी फोकस करे तो वहां पर और बेहतर और पारदर्शी तरीके से काम संभव है।
सीएम पेमा ने कहा कि 1987 में अरुणाचल बनने के बाद केंद्र सरकार ने उसे विकसित करने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए। पेमा ने कहा कि नया राज्य बनने के बाद से 2014 तक 50 केन्द्रीय मंत्री भी अरुणाचल नहीं आए। 2014 से लेकर मौजूदा समय तक मोदी सरकार के मंत्रियों समेत पीएम प्रधानमंत्री की यात्रा तक में 130 गुनी बढ़ी है। 2014 से पहले कुल चार पीएम अरुणाचल आए। 2014 के बाद पीएम मोदी खुद दो यात्राएं कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि रेल और एयर सेवा को अरुणाचल के लिए और मजबूत करने की जरूरत है।